विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जशपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर विधायक रायमुनी भगत के मुख्य आतिथ्य में पौधारोपण और सामूहिक श्रमदान कर पर्यटन स्थल की साफ-सफाई की गई. इस अवसर पर विधायक एवं अधिकारियों ने पलास्टिक के उपयोग के दुष्परिणामों को इंगित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर किया. इस दौरान प्लास्टिक मुक्त जशपुर बनाने शपथ लिया गया.
देशदेखा में वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत विधायक रायमुनी भगत, कलेक्टर रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक शशिमोहन सिंह, वनमंडलाधिकारी शशि कुमार, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार, एसडीएम ओंकार यादव, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रदीप कुमार राठिया सहित अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिघियों ने पर्यावरण संकल्प के साथ एक पेड़ मां के नाम पौधा का रोपण किया. इसके साथ ही सामूहिक श्रमदान कर पर्यटन स्थल की साफ-सफाई भी की.
इस अवसर पर विधायक रायमुनी भगत ने पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वज प्रकृति पूजक थे. जंगलों पहाड़ो के बीच रहकर उसका संरक्षण करते थे. आज पूरा विश्व दोना-पत्तल और मिट्टी के बर्तन का के महत्व को समझते हुए उसका उपयोग कर रहे हैं. हमारे पूर्वज सदियों से इसका उपयोग करते आ रहे हैं. उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि पुटु व महुआ के लिए जंगलों में आग ना लगाएं इससे जंगलों को नुकशान होता है और पर्यावरण भी प्रदूषित होती है.
रायमुनी भगत ने कहा कि पेड़ो को लगाना और उसका संरक्षण करना हम सब अपनी जिम्मेदारी मानकर चलें तो धरती फिर से पुराना स्वरूप में लौट आएगी. उन्होंने कहा कि वह पर्यावरण की प्रति अपनी जिम्मेदारी मानते हुए वह विवाह और अन्य समारोह में फलदार पौधे उपहारस्वरूप प्रदान करते आ रही है. शादी समारोह में प्लास्टिक के समानों के बदले दोना-पत्तल का उपयोग किया जाए तो प्रदूषण भी कम होगा और स्व सहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में पशु-पक्षियों के महत्व को बताते हुए कहा कि उनके मायके में पक्षियों को मारने पर मनाही थी क्योंकि गौरैया सहित अन्य पक्षी किड़े-मकोड़ों को खाते थे इससे फसलों को नुकशान नहीं होता था. उन्होंने प्लास्टिक के दुष्प्रिणामों के बारे में बताते हुए इसके उपयोग न करने की अपील भी की.
कलेक्टर ने अपने संबोधन में कहा कि हम छोटे-छोटे कदम उठाकर प्लास्टिक के उपयोग को कम कर प्रकृति के संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं. प्लास्टिक नदियों समुद्र, तलाबों में जाता है. मछलियों के शरीर में प्लास्टिक के कण पाए गए हैं. इसके सेवन से इंसानों को भी नुकसान पहुंच रहा है. जमीन में पानी का रिसाव कम होने से ग्राउंड वाटर लेबल भी कम हो रहा है. हर व्यक्ति प्लास्टिक उपयोग ना करने का संकल्प ले तो पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ा योगदान होगा. उन्होंने कहा कि लोग प्लास्टिक के बजाए कपड़े का थैला उपयोग करेें. अपने घर से स्टील का बॉटल में पानी लेकर चले तो प्लास्टिक के उपयोग, पलास्टिक के पैकेटबंद समानों का उपयोग ना करें तो हम प्लास्टिक से होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मृदा संरक्षण और प्रकृति को हरा-भरा करने के लिए हर व्यक्ति कम से कम 10 पेड़ लगाएं तो हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा योगदान दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि पानी का उपयोग उतना ही करें जितना जरूरी है. पानी के संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग लगाएं. सोख्ता गड्ढा बनाएं, तालाब का निर्माण करें इससे जलस्तर में सुधार आएगा. इससे हम आने वाले भावी पीढ़ियों के लिए अच्छा कल छोड़कर जाएंगे.
वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक शशिमोहन सिंह ने कहा अपने स्वार्थ के लिए जंगलों को आग से बचाएं, प्लास्टिक के उपयोग कम से कम करने का संकल्प ले तो हम बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं. वनमंडलाधिकारी शशि कुमार ने अपने संबोधन में बताया की इस बार का पर्यावरण दिवस का थीम है. इंडिग ग्लोबल प्लास्टिक पॉल्यूशन है. इसके अनुरूप हम सभी को प्लास्टिक के उपयोग के दुष्परिणामों को समझते हुए इसके उपयोग ना करने संकल्पित हो तो पर्यावरण के प्रति यह एक बड़ा योगदान होगा. इस अवसर पर जनप्रतिनिधीगण, अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीण मौजूद थे.