सुकमा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को एक पुलिस निरीक्षक को बिना किसी अधिकार के लॉज में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जब्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. स्थानीय पत्रकारों की शिकायत के आधार पर कोंटा थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) अजय सोनकर के खिलाफ कार्रवाई की गई. सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने इसकी जानकारी दी.
बस्तर के पत्रकारों पर कार्रवाई: रविवार को बस्तर के चार पत्रकारों बप्पी राय, धर्मेंद्र सिंह, मनीष सिंह और निशु त्रिवेदी को पुलिस ने आंध्र प्रदेश के चिंतूर से गिरफ्तार किया. उनकी गाड़ियों से कथित तौर पर गांजा बरामद किया गया था. इन चारों सहित छह लोगों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. बस्तर के पत्रकारों ने तब आरोप लगाया था कि सुकमा पुलिस ने रेत माफिया के साथ मिलीभगत करके गाड़ी में गांजा रखवाया और चारों जर्नलिस्ट को फंसाया.
पत्रकारों के आरोप के बाद कोंटा एसएचओ के खिलाफ शुरू हुई जांच: सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने इस पूरे घटना की जानकारी देते हुए बताया “11 अगस्त को कुछ पत्रकारों ने ज्ञापन में आरोप लगाया कि कोंटा एसएचओ सोनकर की भूमिका संदिग्ध है. इसकी जांच होनी चाहिए. आरोपों की जांच के लिए सुकमा एसडीओपी परमेश्वर तिलकवार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई. शुरुआती जांच में पता चला है कि दंतेवाड़ा के रहने वाले बप्पी राय और तीन अन्य लोग 9 अगस्त को इरशाद खान और माडवी पवन के निमंत्रण पर कोंटा गए थे. चारों वहां खान के भाई की जन्मदिन पार्टी में शामिल हुए. वापसी के दौरान राय और तीन अन्य पत्रकारों ने रेत ठेकेदार चंदू के रेत से भरे ट्रकों को उस समय रोका जब उनकी गाड़ी पड़ोसी राज्य जा रही थी. इसी दौरान कोंटा एसएचओ मौके पर पहुंचा और मामले का जायजा लेने के बाद लौट आया.”
एसपी चव्हाण ने आगे बताया “राय और अन्य तीन पत्रकार कोंटा के आरएसएन लॉज में रुके थे. उसी लॉज में रेत ठेकेदार चंदू भी रह रहा था. खान और पवन ने कथित तौर पर 9 अगस्त की रात राय की कार चलाई थी. उस दौरान एसएचओ सोनकर उसी इलाके में गश्त पर था. अगले दिन, चिंतूर पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के तहत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया और चार पत्रकारों को गिरफ्तार किया, जबकि खान और माडवी फरार बताए गए.खान और पवन के खिलाफ पहले भी एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध दर्ज हैं.”