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नीति आयोग के राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक में छत्तीसगढ़ दूसरे स्थान पर

रायपुर: नीति आयोग की रिपोर्ट “राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (एफएचआई) 2025” के उद्घाटन अंक के अनुसार छत्तीसगढ़ 55.2 प्रतिशत स्कोर के साथ दूसरे नंबर पर है. गोवा भी 53.6 प्रतिशत स्कोर के साथ दूसरे नंबर पर ही है. ओडिशा 67.8 के संचयी स्कोर के साथ एक नंबर पर है.

पांच प्रमुख उप-सूचकांक: राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता के आधार पर तैयार की जाती है. इस साल 18 प्रमुख राज्यों के राजकोषीय स्वास्थ्य का व्यापक मूल्यांकन किया गया. इस रिपोर्ट से किसी भी राज्य में विशिष्ट चुनौतियों और सुधार के क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी मिलती है.

राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (एफएचआई) का उद्देश्य उप-राष्ट्रीय स्तर पर राजकोषीय स्थिति पर नजर डालना और सतत और लचीले आर्थिक विकास के लिए नीतिगत सुधारों का मार्गदर्शन करना है.

कर्नाटक का कमजोर प्रदर्शन: रिपोर्ट में पता चला है कि झारखंड जैसे राज्यों में सुधार देखा गया है, जिसने राजकोषीय विवेक और ऋण स्थिरता को मजबूत किया है, जबकि कर्नाटक व्यय गुणवत्ता और ऋण प्रबंधन में कमजोर प्रदर्शन के कारण गिरावट का सामना कर रहा है. ये अंतरराज्यीय असमानताएं विशिष्ट राजकोषीय चुनौतियों का समाधान करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए लक्षित सुधारों की जरूरतों को उजागर करती हैं.

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, पनगढ़िया ने रिपोर्ट लॉन्च करते हुए, संतुलित क्षेत्रीय विकास, दीर्घकालिक राजकोषीय स्थिरता और विवेकपूर्ण शासन के लिए राज्यों द्वारा स्थिर राजकोषीय पथ का अनुसरण करने की जरूरत को रेखांकित किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एफएचआई रिपोर्ट राजकोषीय स्वास्थ्य और सतत विकास के लिए ज्यादा एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में मदद करती है, जिससे राष्ट्रीय समृद्धि हासिल करने में सरकार के दोनों स्तरों की साझा जिम्मेदारी को बल मिलता है.

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