छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भीतर अंर्तकलह और अंतद्वंद की आग राजनांदगांव से लेकर बस्तर, बिलासपुर, सरगुजा तक फैल चुकी है. राजनांदगांव में भूपेश बघेल के विरोध के बाद बस्तर में कवासी लखमा, बिलासपुर में देवेंद्र यादव और अब सरगुजा में कांग्रेसी की महिला प्रत्याशी शशि सिंह का विरोध शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस बैकफुट पर आती नजर आ रही है.
दरअसल, कांग्रेस में अंर्तकलह की शुरूआत विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद ही शुरू हो गया था, जो लोकसभा में काफी तीव्र हो गया हैं. प्रदेश की 11 में से 5 लोकसभा सीटों पर अंर्तकलह सामने आ चुका है. प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी होने के 24 घंटे के भीतर ही 4 में से 2 उम्मीदवारों का खुलकर विरोध शुरू हो गया.
दरअसल, कांग्रेस ने बिलासपुर लोकसभा सीट से भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. इसपर बिलासपुर के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. देवेंद्र यादव के नाम की घोषणा होते ही इंटरनेट मीडिया पर बाहरी बताकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे. बोदरी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जगदीश कौशिक तो कांग्रेस भवन के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गए.
उन्होंने बुधवार की रात कांग्रेस भवन के सामने अकेले रात गुजारी। कांग्रेस के पदाधिकारी मनाने गए, लेकिन वे लोकसभा उम्मीदवार बनाए जाने पर ही अनशन तोड़ने पर राजी थे. इधर, सरगुजा लोकसभा सीट से शशि सिंह को कांग्रेस प्रत्याशी बनाए जाने पर उन्हीं के गृह क्षेत्र प्रेमनगर में विरोध होने लगा है.
कांग्रेस प्रदेश सचिव और जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश राजवाड़े के आवास पर बुधवार को बड़ी संख्या में कांग्रेसी जमा होकर टिकट देने का विरोध किया था. कार्यकर्ताओं ने कहा कि शशि सिंह और उनके पिता तुलेश्वर सिंह ने चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ काम किया और प्रत्याशी को हराने में भूमिका निभाई. कांग्रेस नेता शशि सिंह के लिए चुनाव प्रचार या अन्य काम नहीं करेंगे.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन से विधायक हैं. कांग्रेस ने बघेल को राजनंदगांव से चुनावी मैदान में उतारा है. सप्ताह भर पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बघेल का टिकट काटने की मांग करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा था.
पत्र में लिखा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ महादेव एप मामले में जांच एजेंसी ने अपराध दर्ज किया है. उन पर 500 करोड़ लेने का आरोप है. इससे पहले राजनांगांव के पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेंद्र दास वैष्णव ”दाऊ” ने भी बघेल के सामने पिछली कांग्रेस सरकार को खरी-खोटी सुनाई थी बाद में दाऊ को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया. बस्तर में कवासी लखमा का भी विरोध हाे चुका है.
महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को उम्मीदवार बनाया गया है. यह साहू बहुल सीट है. यहां से साहू प्रत्याशी को मैदान में उतारने की मांग थी. पहले चर्चा था कि महासमुंद से धनेंद्र साहू और दुर्ग से ताम्रध्वज को टिकट मिलेगा. ताम्रध्वज साहू के नाम के ऐलान के बाद स्थानीय नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया था, हालांकि धीरे-धीरे थम गया. फिलहाल कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में जुटे हैं.
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा, कांग्रेस से न केवल लोगों का अपितु कार्यकर्ताओं का भी पूरी तरह से मोहभंग हो गया है. बस्तर में महापौर ने अपने सहयोगी पार्षदों के साथ भाजपा में प्रवेश किया है, बिलासपुर में नगरपालिका अध्यक्ष कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ आमरण अनशन कर रहे हैं. सरगुजा क्षेत्र में हजारों कार्यकर्ता कांग्रेस से इस्तीफा देने तैयार बैठे हैं. राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच से विरोध का सामना करना पड़ा था.