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वामपंथी उग्रवाद में टॉप पर छत्तीसगढ़, 15 जिले नक्सल प्रभावित, ओडिशा दूसरे और झारखंड तीसरे नंबर पर

वामपंथी उग्रवाद और नक्सली समस्या को लेकर संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने बयान दिया है. उन्होंने केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर संसद में जानकारी दी है कि देश में कुल 38 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं. इनमें 15 जिले छत्तीसगढ़ के हैं. ओडिशा के सात जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित है. जबकि झारखंड के पांच जिले वामपंथी उग्रवाद की चपेट में है.

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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में पेश किए आंकड़े: नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में आंकड़े पेश किए हैं. लोकसभा में 6 अगस्त को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में माना कि पूरे देश में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले छत्तीसगढ़ में है. केंद्रीय गृह मंत्री ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि 2010 से 2024 की तुलना में 73% की कमी वामपंथी उग्रवाद के हिंसा में आई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ 2023 की अगर बात की जाए तो वामपंथी उग्रवाद साल.

छत्तीसगढ़ में कितने जिले नक्सल प्रभावित ? : छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित जिलों की बात की जाए तो इसमें 38 में से कुल 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इस लिस्ट में बीजापुर, बस्तर, दंतेवाडा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और नारायणपुर है. इसके अलावा राजनांदगांव, मोहल्ला मानपुर, आबगढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान- गंडई, सुकमा कबीरधाम और मुंगेली जिले हैं. ये सभी जिले वामपंथ उग्रवाद वाले जिले में शामिल हैं.

ओडिशा दूसरे नंबर पर, झारखंड तीसरे नंबर पर ?: ओडिशा नक्सलवाद प्रभावित राज्यों में दूसरे नंबर पर है. ओडिशा के कुल 7 जिले वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिले में शामिल है. जिसमें कालाहांडी, कंधमाल, बोलांगीर, मलकानगिरी, नबरंगपुर, नुआपाड़ा और रायगढ़ शामिल है. वहीं झारखंड के पांच जिले गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूमि इसमें शामिल हैं.

टोटल नौ राज्यों के 38 जिले नक्सल प्रभावित : भारत सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से संबंधित जिस रिपोर्ट को जारी किया है. उसमें कुल 9 राज्यों के 38 जिले शामिल हैं. इसमें आंध्र प्रदेश राज्य का एक जिला, छत्तीसगढ़ के 15, झारखंड के पांच, केरल के दो और मध्यप्रदेश के तीन जिले शामिल हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के दो, ओडिशा के सात, तेलंगाना के दो और पश्चिम बंगाल का एक जिला इस सूची में शामिल है.

वामपंथ उग्रवाद का पूरा ग्राफ समझिए: संसद में नित्यानंद राय ने जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है. उसके मुताबिक साल 2010 में 96 जिले के 465 पुलिस स्टेशन और वर्ष 2023 में 42 जिलों के 171 पुलिस स्टेशन वामपंथी उग्रवाद प्रभावित पुलिस स्टेशनों की श्रेणी में थे. इसमें कमी आई है और 24 जून 2024 तक 30 जिलों के 89 पुलिस स्टेशनों में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.

वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को लेकर केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इसमें कमी आई है. छत्तीसगढ़ में अब भी 15 जिले नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में देखना होगा कि नक्सलियों के ग्राफ और प्रभाव को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे मौजूदा ऑपरेशनल रणनीति में कितना बदलाव होगा.

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