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भाजपा के पक्ष में गया छत्तीसगढ़:बाहरी का तमगा जिस पर लगा, उसे जनता ने स्वीकारा नहीं

छत्तीसगढ़ में हवा का रुख आखिरकार भाजपा के पक्ष में ही गया। 11 में से 10 सीटें जीतकर भाजपा ने अपने 2019 के रिकाॅर्ड में सुधार किया है। लोकसभा चुनाव का प्रचार अभियान शुरू होते ही ऐसा अहसास होने लगा था कि कांग्रेस एक या दो सीट जीत सकती है और दैनिक भास्कर ने उस समय हवा का रुख इसी तरह बताया था। 4 जून काे परिणाम सामने आया तो स्पष्ट हो गया कि राज्य में भाजपा को बढ़त मिली और यहां से उनके 10 सांसद चुनकर संसद पहुंचे हैं।

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कोरबा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत ने कांग्रेस की सीट दोबारा जीतकर कांग्रेस के खाते में एक सीट डाल दी। बाकी 10 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। छत्तीसगढ़ में चौथी बार है, जब लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 10-1 से जीत दर्ज की है। इससे पहले 2004, 2009, 2014 में भाजपा ने 10-1 से जीत दर्ज की थी। 2019 में भाजपा को नौ और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं।

महंत ने दुर्ग से कोरबा जाकर चुनाव लड़ने वाली सरोज पांडे को हरा दिया। इस तरह सरोज को मोदी लहर के बावजूद बाहरी प्रत्याशी होने का नुकसान उठाना पड़ा। उनको टिकट मिलने के बाद से ही कांग्रेस के द्वारा बाहरी प्रत्याशी के रुप में प्रचारित किया गया। आखिरकार चुनाव परिणाम उनके खिलाफ गया।

इसी प्रकार राजनांदगांव से भूपेश बघेल और जांजगीर से शिव डहरिया की भी जीत की संभावना कांग्रेस के लोग जता रहे थे, लेकिन इन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली। संभवत: उनको भी बाहरी होने का नुकसान इन लोगों को उठाना पड़ा है। भूपेश दुर्ग से राजनांदगांव और डहरिया आरंग से जांजगीर जाकर चुनाव लड़ रहे थे। बिलासपुर के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव दुर्ग से बिलासपुर जाकर चुनाव मैदान में थे। दुर्ग से ताम्रध्वज साहू ने महासमुंद जाकर किस्मत आजमाई, उनको भी हार मिली। एक प्रकार से अपना क्षेत्र छोड़कर दूसरे क्षेत्र में मैदान संभालने वालों को जनता ने नकार दिया है।

इन सबसे हटकर राज्य में मौदी मैजिक बरकरार रहा। प्रधानमंत्री मोदी के नाम से लोकसभा चुनाव का परिणाम प्रभावित रहा। यही वजह है कि पिछली बार कांग्रेस के खाते में जाने वाली बस्तर लोकसभा सीट भी भाजपा के खाते में गई है। इस चुनाव में मुद्दों से हटकर भाजपा ने केंद्र में मोदी की सरकार बनाने के नाम पर प्रचार अभियान चलाया था। लिहाजा छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव का परिणाम पहले की तरह ही भाजपा को बढ़त दिलाई है और कांग्रेस को एक बार फिर यहां निराशा मिली है।

दलबदल करने वाले चिंतामणि भी जीते

सरगुजा लोकसभा से चुनाव जीतने वाले चिंतामणि महाराज लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। भाजपा ने उनको टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस की शशि सिंह को हरा दिया। दूसरी ओर रायपुर लोकसभा से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य में अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकाॅर्ड बनाया है। उन्होंने कांग्रेस के विकास उपाध्याय को पौने छह लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया है।

 

 

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