Chhattisgarh: तकनीक से सशक्त होगा वन्यप्राणी संरक्षण: सरगुजा टाइगर रिजर्व में M-Stripe ऐप प्रशिक्षण सम्पन्न…

सूरजपुर: वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर सरगुजा अंचल में वन्यजीव संरक्षण को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. टाइगर रिजर्व और हाथी रिजर्व क्षेत्रों में गश्ती व निगरानी को मजबूत बनाने के लिए M-Stripe ऐप का प्रशिक्षण फील्ड स्टाफ को दिया गया. यह प्रशिक्षण गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व एवं हाथी रिजर्व में सम्पन्न हुआ.

प्रशिक्षण का मार्गदर्शन और तिथियाँ

मुख्य वन संरक्षक एवं सी.एफ. (वन्यप्राणी) माथेश्वरन व्ही के मार्गदर्शन में तथा डायरेक्टर गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और एलीफेंट रिजर्व सरगुजा के उपनिदेशक सौरभ सिंह ठाकुर की उपस्थिति में यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया.

02 सितम्बर 2025 को गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व में प्रशिक्षण हुआ, 03 सितम्बर 2025 को तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व और हाथी रिजर्व में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. इन दोनों प्रशिक्षण सत्रों में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के बायोलॉजिस्ट अनिल दशहरे ने समस्त फील्ड स्टाफ को M-Stripe ऐप के प्रयोग की बारीकियाँ समझाईं.

किन्हें मिला प्रशिक्षण

इस कार्यक्रम में अधीक्षक, गेम रेंजर, SCFO, CFO और सभी BFO शामिल हुए। प्रशिक्षण के दौरान उन्हें मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से गश्ती की जानकारी दर्ज करने, वन्यप्राणियों की गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने, शिकार व अवैध गतिविधियों की तत्काल रिपोर्टिंग और फील्ड सर्वेक्षण के डिजिटल तरीके सिखाए गए.

M-Stripe ऐप का महत्व

M-Stripe (Monitoring System for Tigers – Intensive Protection and Ecological Status) वन्यजीव संरक्षण के लिए बनाया गया एक आधुनिक मोबाइल एप्लीकेशन है. इससे गश्ती की पूरी रिपोर्टिंग आसान होती है, बाघ और हाथियों समेत अन्य वन्यजीवों की मूवमेंट दर्ज की जा सकती है, शिकार या अवैध कटाई की घटनाओं की रियल-टाइम सूचना दी जा सकती है, और विभागीय डेटा वैज्ञानिक ढंग से सुरक्षित रहता है. बायोलॉजिस्ट अनिल दशहरे ने बताया कि यह ऐप वन विभाग को पारंपरिक गश्ती से हटकर आधुनिक और प्रभावी निगरानी व्यवस्था उपलब्ध कराता है.

अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

प्रशिक्षण के दौरान डायरेक्टर गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और उपनिदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा सौरभ सिंह ठाकुर स्वयं मौजूद रहे. उनकी उपस्थिति से अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा. उन्होंने यह भी कहा कि वन्यजीव संरक्षण के लिए केवल परंपरागत उपाय पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि तकनीक को अपनाना समय की मांग है.

वन मंत्री का दृष्टिकोण

वन मंत्री केदार कश्यप ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी रिजर्व क्षेत्रों में फील्ड स्टाफ को तकनीकी रूप से दक्ष बनाया जाए. इस प्रशिक्षण को उसी दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है. अधिकारियों का मानना है कि इससे सरगुजा अंचल के टाइगर और एलीफेंट रिजर्व क्षेत्रों में गश्ती और मॉनिटरिंग व्यवस्था मजबूत होगी और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

भविष्य की राह

प्रशिक्षण के समापन पर अधिकारियों ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ समय-समय पर आयोजित होती रहनी चाहिए. इससे वन विभाग के कर्मचारी न सिर्फ तकनीकी रूप से अपडेट होंगे बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनकी दक्षता और जिम्मेदारी भी और अधिक बढ़ेगी.

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