छिंदवाड़ा के जुन्नारदेव से कांग्रेस विधायक सुनील उइके के परासिया में बने शॉपिंग मॉल पर प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया है. इसमें मॉल में परमिशन से ज्यादा निर्माण करने का जिक्र किया गया है. नोटिस के बाद कांग्रेस ने इस राजनीतिक विद्वेष बताया है. विधायक ने कहा कि 7 साल बाद क्यों याद आई.
डोंगर परासिया नगर पालिका की सीएमओ साक्षी वाजपेयी ने मंगलवार को सुनील उईके और भारती उईके के नाम से नोटिस जारी किया है. इसमें परासिया-छिंदवाड़ा मार्ग पर वार्ड 7 में बने शॉपिंग मॉल का निर्माण स्वीकृति के ज्यादा करने की बात लिखी है.
नोटिस में मॉल मालिक को दस्तावेज जल्द पेश करने के लिए कहा गया है. चेतावनी भी दी गई है कि दस्तावेज न मिलने और स्वीकृति से ज्यादा एरिया में निर्माण मिलने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में कांग्रेस विधायक सुनील उइके ने बताया कि जमीन को 2014 में खरीदा था, जो मेरे नाम से रजिस्टर्ड है. परमिशन लेकर निर्माण किया गया है. वैसे भी, 7 साल बाद क्यों याद आई? पिछले 7 साल से नगर पालिका कहां थी? भाजपा के लोग आदिवासियों को दबाने का काम कर रहे हैं. भाजपा में गए कमलेश शाह पर भी दबाव था. मुझ पर भी कई दिन से दबाव है. हम आदिवासी बिकने वाले नहीं हैं.
विधायक को नोटिस मिलने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने X हैंडल पर लिखा- भारतीय जनता पार्टी की सरकार राजनीतिक विद्वेष से कांग्रेस विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. विधायक सुनील उईके को जिस तरह से नोटिस दिया गया, वह राजनीतिक उद्देश्य से दिया गया है. इससे पहले, विधायक नीलेश उईके के यहां भी छापेमारी की गई थी. लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले प्रशासन का इस तरह का दुरुपयोग निष्पक्ष चुनाव के मार्ग में बाधा है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को पांढुर्णा व मोहगांव में जनसभा को संबोधित किया. सभा में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार छिंदवाड़ा में डराने-धमकाने का काम कर रही है. आदिवासी विधायक पर छापे डाले गए. उन्हें प्रताड़ित करने की कोशिश की गई. हमें इस परिस्थिति का मुकाबला करना है.
छिंदवाड़ा में भाजपा के अंत्योदय प्रकोष्ठ अध्यक्ष अरविंद राजपूत का कहना है कि यह कार्रवाई पहले हो जानी चाहिए थी. जब शॉपिंग मॉल बना था, तब भी विरोध हुआ था. इस कारण प्रशासन ने उचित कार्रवाई की है.
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नोटिस की कॉपी ट्वीट कर लिखा- ये लोकतंत्र नहीं है. मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, जिस तरह भाजपा सरकार के अदने अफसर कांग्रेस के विधायक सुनील उईके को बेवजह परेशान कर रहे हैं, वो अनुचित भी है और अलोकतांत्रिक भी… पहले आबकारी और पुलिस ने बिना वारंट के उनके घर की तलाशी ली. अब उनके शॉपिंग मॉल की नाप-जोख शुरू कर दी गई. उन्हें दिए पत्र की भाषा भी धमकाने वाली है, जो किसी जनप्रतिनिधि के लिए उपयोग नहीं की जाना चाहिए.
सिंघार ने लिखा- लोकसभा चुनाव से पहले इस तरह की कार्यवाही बताती है कि भाजपा सरकार किस तरह डरी हुई है. मुख्यमंत्री जी जिन्हें दबाव में आना था और अपने स्वार्थ की खातिर बिकना था वे भाजपा की झोली में गिर गए. सुनील उईके कांग्रेस के कमजोर नेता नहीं है, जो आपके दबाव में आ जाएं.