जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमले में छिंदवाड़ा का सीआरपीएफ जवान शहीद हो गया. मंगलवार (10 जून) को कठुआ जिले के हीरानगर के सुखल गांव में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ कांस्टेबल कबीर दास ऊइके घायल हो गए थे. बुधवार को उपचार के दौरान वह शहीद हो गए.
कबीर दास छिंदवाड़ा के पुलपुलडोह के रहने वाले थे. 35 वर्षीय शहीद कबीर दास ऊइके की सन् 2011 में सीआरपीएफ में नौकरी लगी थी.
कल होगा अंतिम संस्कार, नागपुर से आएगा शव
कबीर का अंतिम संस्कार कल (शुक्रवार 13 जून) किया जाएगा. उनका शव विशेष वाहन से नागपुर से खमारपानी पहुंचेगा, जहां पूरे सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी. अपने बेटे के शहीद होने का समाचार सुनकर पूरा परिवार शोक में डूब गया है. 20 दिन की छुट्टी लेकर कुछ दिन पहले ही कबीर दास ऊइके अपने घर आए थे. हाल ही में उनका भोपाल ट्रांसफर हुआ था, कुछ दिन बाद वह अपने घर के पास ही आने वाले थे लेकिन उससे पहले कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए थे.
शहीद जवान कबीर दास ऊइके चार भाई बहनों में सबसे बड़े थे. उनके छोटे भाई खेती करते हैं. कबीर की सैलरी पर पूरा परिवार आश्रित रहता था. साथ ही, 5 से 6 एकड़ की जमीन में खेती होती है. कबीर का सबसे छोटे भाई की अभी शादी नहीं हुई है, बाकी सभी शादीशुदा हैं.
छिंदवाड़ा सांसद पहुंचे शहीद जवान के घर
भारत मां की रक्षा करते हुए शहीद हुए छिंदवाड़ा के बेटे कबीर दास ऊइके के घर सांसद विवेक बंटी साहू पहुंचे. उन्होंने ऊइके परिवार को ढांढस बंधाया और उनकी शहादत पर नमन किया. मालूम हो, जिले के बिछुआ ब्लॉक के ग्राम पुलपुलडोह निवासी सीआरपीएफ में पदस्थ जवान कबीरदास ऊइके कश्मीर में हुए आतंकी हमले में देश के लिए शहीद हो गए.