मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने जापान दौरे के दूसरे दिन अहम बैठकों के बाद भारतवंशियों और फ्रेंड्स आफ एमपी के सदस्यों के साथ इंटरेक्शन सेशन में चर्चा की। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपने कई कष्टों और चुनौतियों का सामना कर आज जापान जैसे देश में अपनी जगह बनाई है। आज हम जो काम करने आए हैं वो आप बरसों पहले कर चुके हैं। आपने जो नींव तैयार की है उसका फायदा भारत की आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा।
दूध में शक्कर की तरह घुलमिल जाते हैं भारतीय
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे सवाल पूछा कि दूसरे देशों में भारतवासियों की संख्या बढ़ रही है इस पर क्या सोचते हैं उनका भविष्य कैसा होगा ?
तो मैंने जवाब दिया कि भारतवासी जहां भी जाएंगे, इनकी भूमिका सदैव एक जैसी रहेगी। ये हमेशा दूध में शक्कर की तरह घुलमिल कर रहेंगे।
क्योंकि भरतवंशी कहीं भी रहे उनके अपने रहन-सहन और व्यवस्थाओं में हमारा दर्शन छिपा हुआ है। यह दर्शन हमेशा उनको अच्छाई से जोड़ता है।
कोई दूसरा व्यक्ति चुनौतियों से पार न पा सके लेकिन भारतवंशी अपनी जीवन शैली, सिद्धांत और ललक के बलबूते पर हर कठिनाई चुनौती को पार कर लेते हैं।
अंधेरे से प्रकाश में ले जाने वाला विश्वगुरु है भारत
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि भारत हजारों साल पुरानी अपनी संस्कृति में कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया, किसी देश की सीमा को अपनी सीमा में नहीं मिलाया।
बल्कि हम तो विश्व गुरु की तरह बढ़ना चाहते हैं। अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाला मार्ग ही गुरु है। बदलते दौर में भारत सीना तान कर खड़ा है।
उसमें यह स्वाभिमान भी है कि हम अपने सभी धर्म का सम्मान करने वाले लोग हैं। हमें गर्व है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने सबसे समृद्ध काल में जी रहा है।
पीएम मोदी के नेतृत्व में बदला भारत
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 10 वर्षों में भारत में काफी बदलाव आया है। पहले कई नेता दूसरे देश आते-जाते रहते थे लेकिन इतना फर्क नहीं पड़ता था।
आज मोदी जी की लोकप्रियता इतनी है कि विदेश दौरे में उनके आने की खबर मिलते ही भारतीय झूम उठते हैं।
जिस तरह आप लोगों ने चुनौतियों का सामना किया वैसे ही मोदी जी के सामने भी कई संकट आए लेकिन उन्होंने हर समस्या का समाधान खोज निकाला।
एमपी के युवाओं के लिए बहुत अवसर
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज जापान में कम होती आबादी भी एक समस्या बन रही है जबकि भारत में युवाओं की संख्या ताकत साबित हो रही है।
मध्यप्रदेश में डेढ़ करोड़ युवा हैं जिन्हें भाषा सिखाकर हम कई अवसर उपलब्ध करा सकते हैं। आज जापान में ही 100 से अधिक भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं।
इसके अलावा जापान में प्रशिक्षित और स्किल्ड लोगों की बहुत जरुरत है ऐसे में अगर जापान और भारत के निवेशक मिलकर काम करेंगे तो इसका युवाओं को बहुत फायदा होगा।
रेडीमेड गारमेंट की निवेश नीति साझा की
अपने संबोधन में उन्होंने मध्यप्रदेश की नई निवेश नीति का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार रेडीमेड गारमेंट में निवेश करने पर प्रति श्रमिक 5 हजार का इंसेंटिव दे रही है।
अन्य कई सेक्टर में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अनेक सुविधाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा कि अब अगर आपको किसी अन्य देश में निवेश करना है तो भारत और मध्यप्रदेश से अच्छा कोई विकल्प नहीं हो सकता।