मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को इंदौर जिले के महू-मण्डलेश्वर मार्ग पर स्थित आशापुरा में प्रदेश में हाईटेक कामधेनु गौ-शाला के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में गौ-संरक्षण और संवर्धन की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा तेजी से संकल्पबद्ध होकर कार्य किया जा रहा है. राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने के लिए गौ-शालाओं के विस्तार के लिए योजनाबद्ध रूप से प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौ-शालाओं के माध्यम से गौ-सेवा की नई इबारत लिखी जाएगी और प्रदेश में नई दुग्ध क्रांति लाई जाएगी. इससे दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के साथ ही दुग्ध उत्पादकों की आमदनी में भी वृद्धि की जाएगी. सीएम ने कहा कि हमारा प्रयास है कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध के बेहतर दाम मिले. इस दिशा में हम तेजी से प्रयास कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस गौ-शाला में 10 हजार गायों के पालन-पोषण की व्यवस्था रहेगी. यह गौ-शाला लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाई जा रही है. इस गौ-शाला का निर्माण इंदौर नगर निगम द्वारा किया जाएगा. इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी नगर निगम ही संभालेंगी. सीएम ने बताया कि गौ-शाला के संचालन में संत समाज का सहयोग भी लिया जाएगा. गौ-शाला के संचालन में समाजसेवी नि:स्वार्थ भाव से गौ-सेवा के कार्यों में जुड़ सकेंगे. गायों के पालन और संरक्षण के लिये सभी जरूरी सुविधाएं गौ-शाला में रहेंगी. गौ-शाला क्षेत्र में सघन पौध-रोपण भी किया जाएगा.
दुग्ध उत्पादकों को मिलें बेहतर दाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी वर्ग की बेहतरी के लिए राज्य सरकार द्वारा संकल्पबद्ध होकर प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. कृषि क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के भी निरंतर प्रयास कर रही है, साथ ही हमारे प्रयास है कि दुग्ध उत्पादकों को दुग्ध के बेहतर दाम मिले. यादव ने कहा कि अभी देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन मध्यप्रदेश में है, इसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गौ-वंश की समस्याओं का समाधान गौ-शालाओं के माध्यम से किया जा रहा है. प्रदेश के सभी बड़े नगरों में हजारों गौ-वंश क्षमता की गौ-शालाएं स्थापित कर उनका बेहतर संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि इंदौर में भी अब 10 हजार गौ-वंश क्षमता की अत्याधनिक सुविधाओं से युक्त गौ-शाला बनायी जा रही है. यह कामधेनु गौ-शाला अद्भुत होगी। उन्होंने कहा कि गौ-शालाओं के विकास में शासन के साथ समाज की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने आह्वान किया की समर्पण और सेवा भाव के साथ समाज का हर वर्ग गौ-शाला के संचालन में सहयोग के लिये भागीदार बने. राज्य शासन द्वारा गौ-शालाओं के विकास और विस्तार में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी.
‘गौ-माता की सेवा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों का अहम हिस्सा’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गौ-माता की सेवा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों का अहम हिस्सा है. गौ-माता में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है, जो हमारे लिये पूजनीय है. उन्होंने कहा कि गौ-वंश के संरक्षण और संवर्धन के लिये राज्य शासन निरंतर प्रयासरत है. हमने यह वर्ष गौ-माता की सेवा को समर्पित किया है. गौ-वंश को बढ़ावा देने के लिये डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नाम से योजना प्रारंभ की गयी है. इस योजना में गौ-वंश पालकों को अनुदान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गौ-संरक्षण एवं गौ-संवर्धन के लिये मध्यप्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश में स्वावलंबी गौ-शालाओं की स्थापना नीति-2025 बनायी गयी है. निराश्रित गौ-वंश की समस्या का समाधान गौ-शालाओं की स्थापना से किया जा रहा है.
गौ-सेवा कर, बछिया को दुलारा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के प्रारंभ में गौमाता का पूजन कर गौ-ग्रास भी खिलाया. मुख्यमंत्री ने बछिया को गोद में लेकर स्नेह से दुलार किया. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने अपने सम्बोधन में कहा कि मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में विकास की नयी इबारत लिखी जा रही है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा गौ-वंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये कृत संकल्पित होकर कार्य किए जा रहे हैं. हातोद स्थित गौ-शाला का कायाकल्प किया गया। इसे उच्च सुविधाओं से युक्त किया गया है. इससे गायों की संख्या बढ़कर 650 से 2 हजार हो गयी. इंदौर देश की एकमात्र ऐसी नगर निगम होगी जहाँ गौ-सेवा के लिये सवा सौ बीघा भूमि पर गौ-शालाएं होंगी. स्वामी श्री अच्चुतानंदजी महाराज ने कहा कि गौ-रक्षा की दिशा में यह सबसे बड़ा प्रकल्प है. यह गौ-शाला देश की अन्य गौ-शालाओं के लिये उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी. गौ-वंश का संरक्षण एवं संवर्धन अब जन-आंदोलन बन गया है.
सर्वसुविधा युक्त होगी कामधेनु गौ-शाला आशापुरा (महू)
नगर निगम इंदौर द्वारा महू तहसील के आशापुरा ग्राम में कामधेनु गौ-शाला का निर्माण प्रारंभ किया गया है. इस गौ-शाला के लिए कलेक्टर इंदौर द्वारा लगभग 25 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर गौ-वंश के संवर्धन हेतु नगर निगम इन्दौर के अधिपत्य में दी गयी है. उक्त भूमि पर नगर निगम इंदौर द्वारा गौ-वंश संवर्धन के उददेश्य से कार्य योजना तैयार की गई है. इसमें कुल 10 हजार गौ-वंश के लिये लगभग 8 शेड बनाये जाएंगे. प्रत्येक शेड के साथ में गौ-वंश के सुगम विचरण हेतु खुला स्थान रहेगा. परिसर में गौ-वंश के आहार भण्डारण हेत भूसाघर एवं दानाघर का प्रावधान किया गया है. बीमार गौ-वंश की देखभाल हेतु विशेष सविधाओं से युक्त पृथक शेड का निर्माण किया जाएगा. हरे चारे की बुआई के लिए खुली कृषि भूमि का भी प्रावधान रखा गया है. सड़क के दोनों ओर तालाब के चारों ओर एवं अन्य निर्धारित स्थान पर सघन पौध-रोपण किया जाएगा. परिसर में एक गौ-पूजन केन्द्र का निर्माण किया जाएगा. पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी सीथ ही अन्य जरुरी कार्य भी कराए जाएंगे.