रायपुर में उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ द्वारा आयोजित करम पूजा परब 2025 महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भाग लिया। उन्होंने भगवान करम राजा की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने भारत माता के तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि करम परब हमारी संस्कृति और पूर्वजों की अमूल्य धरोहर है। इसे जीवंत बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी और नैतिक कर्तव्य है। करम परब प्रकृति प्रेम और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक भी है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को करम परब की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री रामविचार नेताम, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पदाधिकारी और उरांव (सरना) आदिवासी विकास संघ से जुड़े परिवार तथा सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति के विविध आयाम प्रस्तुत किए गए और परंपरागत रीति-रिवाजों के माध्यम से नई पीढ़ी को सांस्कृतिक चेतना से अवगत कराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि करम परब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। इस परंपरा को संरक्षण देना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों और युवाओं को इस पर्व की महत्ता और इसके पीछे के नैतिक मूल्यों से अवगत कराएँ।
आदिवासी समुदाय के लोग इस अवसर पर पारंपरिक पोशाक और लोकनृत्य के माध्यम से अपने सांस्कृतिक रंग प्रस्तुत करते हैं। कार्यक्रम में लोकगीत, नृत्य और पारंपरिक आयोजन लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आदिवासियों की परंपराओं और उनकी जीवनशैली की सराहना की।
कार्यक्रम में सुरक्षा और आयोजन की सुचारू व्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इस आयोजन से प्रदेश में आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के संदेश को व्यापक रूप से प्रसारित करने में मदद मिली। करम परब 2025 के इस महोत्सव ने आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत बनाए रखने की प्रेरणा दी और समाज में सांस्कृतिक चेतना बढ़ाने का काम किया।