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जन्म के बाद बच्चे में था डिसऑर्डर, गुस्साए दंपति ने चार डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज कराई FIR

केरल के अलाप्पुझा जिले में एक नवजात बच्चे में गंभीर विकृतियां पहचानने में असफल रहने के आरोप में चार डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इनमें दो महिला डॉक्टर कडप्पुरम सरकारी महिला अस्पताल की हैं जबकि दो निजी डायग्नोस्टिक लैब से संबंधित हैं.

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न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने यह मामला अनीश और सुरुमी नामक दंपति की शिकायत पर मंगलवार को दर्ज किया. आरोप है कि डॉक्टरों ने गर्भावस्था के दौरान किए गए स्कैन में शिशु में मौजूद विकृतियों को न तो पहचाना और न ही उन्हें कोई जानकारी दी. FIR के अनुसार, सुरुमी की तीसरी गर्भावस्था के दौरान चार स्कैन किए गए थे, लेकिन सब कुछ सामान्य बताया गया.

चार डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर

शिकायत में कहा गया है कि 30 अक्टूबर को सुरुमी को कडप्पुरम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शिशु की धड़कन और गतिविधि में कमी का हवाला देते हुए उन्हें वंदनम मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया. 8 नवंबर को सर्जरी के बाद नवजात का जन्म हुआ, जिसमें गंभीर आंतरिक और बाहरी विकृतियां पाई गईं.

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. अतिरिक्त निदेशक की अध्यक्षता में विशेष टीम को यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है कि स्कैन और उपचार के दौरान कोई लापरवाही हुई या नहीं. मंत्री ने आश्वासन दिया है कि यदि कोई चूक पाई जाती है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

डॉक्टरों ने दी सफाई

डॉक्टरों का पक्ष भी सामने आया है. एक आरोपी डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने केवल शुरुआती तीन महीने तक ही सुरुमी का इलाज किया था. डायग्नोस्टिक लैब से जुड़े डॉक्टरों ने दावा किया कि उनके स्कैन रिपोर्ट में कोई त्रुटि नहीं थी. केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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