इटावा/जसवंतनगर: जिले के जसवंतनगर क्षेत्र के सिरहौल गांव में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने देर रात एक नाबालिग किशोरी की शादी को सफलतापूर्वक रुकवा दिया. यह कार्रवाई चाइल्डलाइन हेल्पलाइन नंबर 112 पर मिली एक गोपनीय सूचना के बाद की गई, जिसमें एक बाल विवाह होने की जानकारी दी गई थी. जैसे ही कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली, अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की. रात करीब 11:30 बजे बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता के नेतृत्व में एक टीम मौके पर पहुंची.
इस टीम में एएचटीयू (मानव तस्करी विरोधी इकाई) प्रभारी अल्मा अहिरवार, जसवंतनगर थाने के उपनिरीक्षक ललित चतुर्वेदी, कांस्टेबल सनोज कुमार और महिला आरक्षी कुमारी संगम भी शामिल थे. टीम के पहुंचते ही विवाह स्थल पर चल रही सभी तैयारियों को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया. अधिकारियों ने स्थिति को संभाला और सबसे पहले नाबालिग किशोरी को उसके परिवार से अलग किया, ताकि उस पर किसी भी तरह का दबाव न पड़े.
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि किशोरी मूल रूप से फिरोजाबाद जिले के सिरसागंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली थी. उसकी शादी इटावा जिले के वैदपुरा थाना क्षेत्र के बर्रा गांव निवासी 23 वर्षीय जीतू, पुत्र दिनेश चंद्र के साथ कराई जा रही थी. यह स्पष्ट रूप से बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 का उल्लंघन था, जिसके तहत लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष निर्धारित है.
पुलिस और बाल संरक्षण टीम ने मौके पर मौजूद परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को बाल विवाह के कानूनी परिणामों और सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से समझाया. उन्हें सख्त हिदायत दी गई कि भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल न हों. टीम ने उपस्थित सभी लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और ऐसे मामलों की सूचना अधिकारियों को देने के लिए प्रोत्साहित किया.
बाल विवाह रुकवाने के बाद, किशोरी को बाल संरक्षण समिति (Child Protection Committee) के समक्ष पेश किया गया. समिति ने मामले की गंभीरता को देखते हुए किशोरी को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया, जहाँ उसे जांच पूरी होने तक सुरक्षित रखा जाएगा और उसकी काउंसलिंग की जाएगी. बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत दोषियों के खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी.