नेपाल की संसद में प्रदर्शनकारियों ने मचाई तबाही

नेपाल में Gen-Z प्रोटेस्ट के दूसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसकर व्यापक तोड़फोड़ की। उनका विरोध भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सरकार की नीतियों के खिलाफ था। प्रदर्शनकारियों ने न केवल कंप्यूटर और कुर्सियां उठाई बल्कि बर्तन और अन्य कार्यालय सामग्री भी लूट ली। यह विरोध शांतिपूर्ण नहीं रहा और कई अधिकारियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।

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काठमांडू की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने उत्पात मचाया। उन्होंने संसद परिसर के अंदर प्रवेश करके फर्नीचर तोड़ा और तकनीकी उपकरणों को नुकसान पहुँचाया। पुलिस और सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या और आक्रामक रवैये ने नियंत्रण मुश्किल बना दिया। कई जगह आंसू गैस का उपयोग किया गया, लेकिन भीड़ को रोकना आसान नहीं था।

प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया का भी उपयोग किया और लाइव वीडियो साझा कर जनता को आंदोलन की जानकारी दी। कई लोग सरकार के खिलाफ नारों के साथ प्रदर्शन कर रहे थे और भ्रष्टाचार तथा भाई-भतीजावाद के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार कर रहे थे। इस प्रोटेस्ट का नेतृत्व मुख्य रूप से युवा वर्ग कर रहा था, जिन्होंने पारंपरिक राजनीतिक ढांचों के खिलाफ आवाज उठाई।

इस आंदोलन की वजह से नेपाल में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया और संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाई गई। हालांकि हिंसा और तोड़फोड़ के बावजूद प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ अपनी नाराजगी दिखाना था।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हानि की पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे हिंसा से दूर रहें और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएं।

प्रदर्शनकारियों ने साफ तौर पर यह संदेश दिया कि युवा वर्ग अब केवल अपने भविष्य की चिंता नहीं करता बल्कि वे सरकारी भ्रष्टाचार और पारंपरिक राजनीतिक समस्याओं के खिलाफ सक्रिय रूप से आवाज उठाने को तैयार हैं। यह घटना नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियों पर लंबे समय तक असर डाल सकती है।

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