छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज लिमिटेड (CGMSC) ने पिछले 14 महीने से बच्चों को खिलाई जाने वाली कृमि की दवा एल्बेंडाजोल टैबलेट (डी 12) के कुल 6 बैच के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इन दवाओं का इस्तेमाल अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपर-स्पेश्यिलिटी अस्पताल, रायपुर के स्वास्थ्य केंद्रों समेत बलौदाबाजार के अस्पतालों किया जा रहा था।
इनमें से 4 बैच जून 2024 के हैं, जो अब लगभग खत्म होने के कगार पर हैं। वहीं बाकी 2 बैच मार्च 2025 के हैं। इन दवाओं की सप्लाई अस्पतालों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में भी की जाती है। जारी आदेश के अनुसार एफ्फी पैरेंटल्स की एल्वेंडाजोल टैबलेट के 4 बैच जो जून 2024 में बने हैं। और 2 बैच जो मार्च 2025 के हैं।
इन दवाओं को बचे हुए स्टॉक को अस्पतालों से वापस मंगाया गया है। जानकारी के अनुसार दवाई को बने 14 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। यानी पिछले 14 महीने से बच्चों को खराब दवाइयां ट्रीटमेंट के लिए जा रही थी।
दवा, इंजेक्शन और किट निकले घटिया
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब CGMSC की ओर से सप्लाई किए जा रहे मेडिकल प्रोडक्ट्स और दवाओं में खामियां निकली हैं। महीने भर पहले ही जंग लगी सर्जिकल ब्लेड सप्लाई कर दी गई थी। इस तरह पिछले पांच महीने में 3 दवाओं, 5 इंजेक्शन, 4 उपकरण और किट घटिया क्वालिटी के निकल चुके हैं।
अब समझिए खराब एल्बेंडाजोल का असर क्या हो सकता है
खराब क्वालिटी का मतलब है – दवा में पर्याप्त सक्रिय तत्व न होना, गलत तरीके से मैन्युफैक्चरर होना या कंटामिनेशन होना। इसके नुकसान इस प्रकार हो सकते हैं:
- कम असर होना कीड़े पूरी तरह खत्म नहीं होंगे। बार-बार संक्रमण (Reinfection) होता रहेगा।
- रोग का गंभीर होना अगर मस्तिष्क या लिवर में टैपवर्म सिस्ट का इलाज ठीक से न हो पाए तो मरीज को दौरे , ब्रेन स्वेलिंग, लिवर डैमेज जैसी गंभीर स्थिति हो सकती है।
- ड्रग रेजिस्टेंस कमजोर दवा बार-बार लेने से कीड़े उस दवा के प्रति प्रतिरोधक हो सकते हैं। भविष्य में दवा असर ही नहीं करेगी।
- साइड इफेक्ट बढ़ना गलत क्वालिटी में अशुद्धियां होने पर उल्टी, दस्त, सिरदर्द, एलर्जी, लीवर डैमेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- बच्चों में ज्यादा नुकसान बच्चों को यह दवा कीड़े मारने के लिए दी जाती है। अगर क्वालिटी खराब हो तो बच्चों में विकास रुकना, खून की कमी, कमजोरी बनी रह सकती है।