महाराष्ट्र के सोलापुर में एक ऐसा गांव है, जहां बच्चे सांपों के साथ खेलते हैं. सांप लोगों के जीवन का हिस्सा हैं. यहां रहने वाले लोग सांपों को अपने घर में खेलने के लिए बुलाते हैं. आमतौर पर बच्चों को जलरीले और खतरनाक जीवों से दूर रखा जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के शेतपाल गांव में बच्चे खूब मजे से सांपों के साथ खेलते हैं. देश के कुछ इलाकों में सांप के देखकर लोग उनसे बचने के लिए जान से मार देते हैं, लेकिन इस गांव में सांपों का स्वागत खुशी-खुशी किया जाता है.
यहां रहने वाले लोग सांपों को मारते नहीं हैं. खास बात ये है कि आज तक यहां सांप ने किसी को भी नहीं काटा है. इस गांव के 2600 से ज्यादा लोग नाग की पूजा करते हैं और उन्हें भगवान मानते हैं. इसलिए भी उन्हें कभी मारते नहीं हैं बल्कि उनका आना घर में शुभ मानते हैं.
नए घर में सांप के लिए जगह
यहां रहने वाले लोग जब भी अपना नया घर बनाते हैं तो उस घर में सांपों के रहने के लिए भी जगह बनाते हैं. सांपों के रहने के लिए बनाई गई जगह को वो मंदिर की तरह साफ-सुथरा रखते हैं. वहां उन्हें भोग लगाने से लेकर पूजा-पाठ की सारी व्यवस्था रखते हैं. सांपों का आना अपना सौभाग्य मानते हैं और उन्हें आता हुआ देख उनका स्वागत करते हैं.
खिलौने की तरह सांपों से खेलते बच्चे
ये अपने आप में अनोखा है कि जिस जहरीले जीव को देखकर हर कोई बचता फिरता है उसके साथ बच्चे यहां खिलौने की तरह खेलते हुए दिखाई देते हैं. यहां पर सांप आम लोगों की जिंदगी का हिस्सा हैं. गांववालों कहते हैं कि गांव में सांपों के साथ रहने की ये प्रथा कबसे शुरू हुई, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन सालों से वो सब सांपों के साथ रहते दिखाई दे रहे हैं.