स्कूल से लाकर बच्चों को मार डाला, BJP नेता की खौफनाक साजिश से दहला सहारनपुर

सहारनपुर :  तीन मासूम बच्चों की हत्या से सनसनी फैल गई. जबकि उनकी मां जिंदगी और मौत से जूझ रही है. वारदात को बच्चों के पिता ने ही अंजाम दिया। आरोपी भाजपा नेता घटना से डेढ़ घंटे पहले ही बच्चों को स्कूल से लाया था. श्रद्धा और दोनों भाई गांव के ही एक निजी स्कूल में पढ़ते थे.

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घटना से करीब डेढ़ घंटे पहले ही हत्यारोपी पिता बच्चों को स्कूल से लाया था. इनका दो दिन बाद ही परीक्षा परिणाम आना था. उन्हें मालूम नहीं था कि वह अपना परीक्षा परिणाम देख पाएंगे.दरअसल, एक अप्रैल से शिक्षा सत्र शुरू होने वाला है. स्कूलों के परीक्षा परिणाम घोषित किए जा रहे हैं.

गांव सांगाठेड़ा के एक निजी स्कूल में श्रद्धा कक्षा पांच की छात्रा थी, जबकि उसके दोनों भाई देवांश कक्षा तीन और शिवांश नर्सरी में पढ़ते थे. रोजाना की तरह बच्चे शनिवार को स्कूल गए हुए थे. छुट्टी के समय हत्या के आरोपी पिता स्कूल पहुंचा था और तीनों बच्चों को साथ लेकर घर आया था.

इन बच्चों का दो दिन बाद ही स्कूल को रिजल्ट घोषित करना था. बताया जा रहा है कि स्कूल की करीब 1100 रुपये फीस बकाया चल रही थी. वह अक्सर घर में मम्मी-पापा के बीच विवाद होता देखते थे. कई बार बाहर भी इसका जिक्र किया कि घर में लड़ाई हो रही है.सागाठेड़ा में जब योगेश ने पहली गोली चलाई, तो बराबर के कमरे में रहने वाले उसके चचेरे भाई अक्षय को अनहोनी का अहसास हुआ.

दरवाजा बंद देखकर वह छत के रास्ते से घर में घुसने की कोशिश करने लगा. वहां से अक्षय ने उसे रोकने की कोशिश की. अक्षय ने कहा कि भइया, ये क्या कर रहे हो. इसी दौरान योगेश ने सीढ़ियों का दरवाजा बंद कर दिया, जिससे अक्षय वहीं पर फंस गया. अक्षय ने वहां पर लगी खिड़की का शीशा तोड़ा और शोर मचाया.

इसके बाद परिवार के अन्य लोग वहां पहुंचे.पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी योगेश ने बताया कि उसे छोटे बेटे शिवांश को लेकर भी शक था कि वह उसका नहीं है. इसलिए वह डीएनए जांच कराना चाहता था. इसे लेकर भी कई बार पत्नी के साथ बहस हुई. आरोपी ने यह भी बताया कि उसे डर था कि पत्नी उसे जहर देकर मार सकती है.

इसलिए उसने पहले ही यह कदम उठा लिया. हालांकि पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारने के बाद हत्यारोपी योगेश के चेहरे पर किसी तरह की शिकन नहीं थी. चेहरा देखकर ऐसा लग रहा था कि उसने कुछ किया ही नहीं. जब पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने लेकर पहुंची, तब वह जाकर गुमशुम बैठ गया.

पुलिसकर्मियों से बोला कि गलत हो गया है.पुलिस के मुताबिक, योगेश ने पिस्टल का लाइसेंस 2013 में लिया था. वह दो माह से पत्नी को परेशान कर रहा था. गांव में योगेश ने बड़े नेताओं जैसा रौब गांठ रखा था. वह भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष रह चुका है. उसे कई बार पार्टी से निष्कासित भी किया गया.

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