रायपुर के माना स्थित नवोदय विद्यालय में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर एक शिक्षक ने 10वीं कक्षा के छात्रों के साथ मारपीट की। इस घटना में एक छात्र के हाथ में फ्रैक्चर और पैर में चोटें आईं। मामले की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा विद्यालय पहुंचीं और पीड़ित छात्रों से मुलाकात की।
डॉ. शर्मा ने मौके पर निरीक्षण कर विद्यालय प्रशासन से पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही आयोग ने दोषी शिक्षक को निलंबित करने की अनुशंसा करते हुए मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। बाल कल्याण समिति रायपुर का एक सदस्य भी निरीक्षण में शामिल हुआ, ताकि जांच पारदर्शी हो सके।
जानकारी के अनुसार, घटना उस समय हुई जब कुछ छात्र देर रात हॉस्टल में मोबाइल फोन चला रहे थे। वार्डन ने इसकी सूचना संबंधित शिक्षक को दी, जिसके बाद शिक्षक ने गुस्से में छात्रों को पीटा। इसमें एक छात्र को गंभीर चोट लगी और बाद में एक्सरे कराने पर उसके हाथ में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई।
आरोपी शिक्षक डीके सिंह ने कहा कि छात्रों को मोबाइल चलाते देखा गया था, जो विद्यालय के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि छात्रों ने उन्हें देखते ही मोबाइल फेंकने और भागने की कोशिश की। उन्होंने माना कि गुस्से में एक छात्र को मार दिया, लेकिन उनका इरादा बच्चों को नुकसान पहुंचाना नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक छात्रों के अभिभावक की तरह होते हैं और अनुशासन बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी है।
वहीं, बाल आयोग की अध्यक्ष ने साफ कहा कि बच्चों के साथ हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। आयोग ने आश्वासन दिया है कि इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच होगी तथा दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा और अनुशासन के बीच संतुलन को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। आयोग की सक्रियता ने छात्रों और अभिभावकों में भरोसा जगाया है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा हर हाल में की जाएगी।