जम्मूकश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर, चीन ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रति अपने समर्थन का इजहार किया है. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उनका देश पाकिस्तान की “संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता” को बनाए रखने में उसके साथ खड़ा रहेगा.
चीन का यह बयान उस समय आया जब भारत और पाकिस्तान ने शनिवार को एक तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई थी, जिसके बाद दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों ने एकदूसरे से बातचीत की. यह तनावपूर्ण स्थिति विशेष रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारत के सटीक हमलों और पाकिस्तान द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर ड्रोन हमलों के बाद बढ़ी थी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चीन और पाक विदेश मंत्री के बीच हुई बातचीत
चीन के विदेश मंत्री ने यह बयान पाकिस्तान के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के साथ हुई टेलीफोन वार्ता के दौरान दिया. इस वार्ता में, डार ने वांग यी को उभरते क्षेत्रीय हालात के बारे में बताया और चीन से पाकिस्तान को समर्थन की उम्मीद जताई.
चीन विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार बातचीत के दौरान, उप प्रधानमंत्री/विदेश मंत्री ने विदेश मंत्री वांग यी को कल रात की घटना के मद्देनजर उभरती क्षेत्रीय स्थिति के बारे में जानकारी दी. विदेश मंत्री वांग यी ने पाकिस्तान के संयम को स्वीकार किया तथा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उसके जिम्मेदाराना दृष्टिकोण की सराहना की.
चीन ने पाक को साथ देने का दिया भरोसा
उन्होंने पुनः पुष्टि की कि पाकिस्तान के सदाबहार रणनीतिक सहयोगी साझेदार और अटल मित्र के रूप में चीन, पाकिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय स्वतंत्रता को बनाए रखने में उसके साथ दृढ़ता से खड़ा रहेगा. दोनों नेताओं ने निकट संचार के महत्व पर बल दिया तथा आने वाले दिनों में समन्वय बनाये रखने पर सहमति व्यक्त की.
वांग यी ने चीन की “पाकिस्तान के प्रति गहरी मित्रता और सहयोग” का उल्लेख करते हुए यह भी कहा कि चीन पाकिस्तान के साथ “रणनीतिक साझेदारी” को और मजबूत करेगा.
बता दें कि चीन ने हमेशा पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को मजबूत किया है और यह बयान उस समझौते का हिस्सा माना जा रहा है जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा दिया गया है. चीन का यह बयान पाकिस्तान के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह सामने आया है, खासकर तब जब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस तरह के समर्थन की आवश्यकता है.