जम्मू-कश्मीर में हाल ही में रियासी में श्रद्धालुओं की बस पर हमला हुआ, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में लगातार हमले बढ़ने के पीछे भारत की सुरक्षा एजेंसियों को इसमें पाकिस्तान और चीन की साझा चालबाजी नजर आ रही है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 4 से 8 जून के बीच कई दौर की लंबी-लंबी बैठकें और मुलाकातें की. इस दौरान दोनों ने कश्मीर को लेकर भी बात की. इस मुलाकात के बाद ही जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों में अचानक से इजाफा हुआ है. भारतीय एजेंसियों को इसमें पाकिस्तान और चीन की साजिश दिख रही है.
भारतीय सेना ने हाल ही में करीब 50 हजार से लेकर 60 हजार तक राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के जवानों को इस्टर्न लद्दाख में अलग अलग लोकेशन पर तैनात किया है. भारतीय सेना की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इतनी बड़ी तैनाती से चीन बौखला गया है. सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के हिसाब से फोर्सेज का ध्यान भटकाने के लिए जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकी घटनाओं में इजाफा किया जा रहा है, या यूं कहें की पाकिस्तान फंडेड इन आतंकी घटनाओं में सुरक्षा एजेंसियों को चीन और पाक की जुगलबंदी नजर आ रही है. ताकि भारत फिर से अपना ज्यादा ध्यान और फोर्सेज की तैनाती LAC से हटाकर जम्मू कश्मीर की ओर करें और चीन अपने नापाक इरादों में कामयाब हो सके.
भारतीय सेना ने भी की तैयारी
इस के लिए भारतीय सेना ने भी अपना प्लान तैयार कर लिया है. जम्मू कश्मीर में अचानक बिगड़े इन हालातों को देखते हुए भारतीय सेना ने सेंसेटिव इलाके जैसे की पूंछ, रजौड़ी, डोडा, किश्तवार, रामबन और रियासी में अपनी सेना की संख्या में ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से फोर्सेज की तैनाती बड़ा दी है. लेकिन चीन को ये जानकर बड़ी मिर्ची लग सकती है कि जम्मू-कश्मीर में सेना की तैनाती बढ़ाने के बावजूद भी भारत ने पूर्वी लद्दाख में भेजे राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के जवानों की संख्या में कोई कमी नहीं की है और यही भारत का चीन की दोहरी चाल का कड़ा जवाब है.
चीन की काली करतूत एक और जिंदा सबूत
जम्मू कश्मीर घाटी में आतंकी वारदातों में चीन के कनेक्शन का एक और सबूत सामने आया है. कुछ महीनों पहले TRF ने घात लगाकर किए गए हमले का फुटेज जारी किया था, जिसमें एक आतंकवादी को हाथ में नीले रंग का चीन में बना यानी मेड इन चाइना P-86 हैंड ग्रेनेड पकड़े देखा गया था. बुधवार को कठुआ में मारे गए आतंकवादियों के पास से ऐसे ही हैंड ग्रेनेड बरामद हुए है. साफ है कि इस बार साजिश गहरी है और शहबाज शरीफ की काली करतूतों को अंजाम देने में शी जिनपिंग भी शामिल हैं.
भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की साजिश किसी से छिपी नहीं है. अब इन दोनों मुल्कों का असली चेहरा भी सामने आ गया है. चीन पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में विकास कार्य करने के नाम पर लगातार अपने नापाक इरादे को अंजाम देने में जुटा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और चीनी प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक संयुक्त बयान जारी किया है. इसमें कश्मीर का भी जिक्र किया गया है. अब भारत ने इस पर करारा जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दोनों देशों के ज्वाइंट स्टेटमेंट को अवांछित करार दिया है. भारत ने स्पष्ट शब्दों में चीन और पाकिस्तान को समझा दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
CPEC पर भी जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) (China-Pakistan Economic Corridor ) पर भी कड़ी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि इस गलियारे का हिस्सा भारत के संप्रभु क्षेत्र में हैं, जो पाकिस्तान के जबरन और अवैध कब्जे में हैं. जायसवाल ने कहा कि हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर आघात करने वाले इन जगहों पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे को मजबूत करने या वैध बनाने के लिए अन्य देशों द्वारा किए गए किसी भी कदम को अस्वीकार करते हैं और इसका विरोध करते हैं.