India Pakistan Ceasefire: पाकिस्तान की पैरवी कर रहा था चीन, NSA अजीत डोभाल ने सुना दी खरी-खोटी; बोले- ‘जंग भारत की पसंद नहीं, लेकिन…’

India Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार 10 मई 2025 को घोषित सीजफायर के कुछ ही घंटे बाद स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई जब जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधियों और विस्फोटों ने सभी को चौंका दिया. भारत ने इसे पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन करार दिया और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी उल्लंघन का कड़ा जवाब दें.

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इस बीच चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से बातचीत की और संयम बरतने और स्थिति को न बिगाड़ने की अपील की. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, वांग ने कहा कि चीन दोनों देशों के बीच स्थायी शांति वार्ता में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार है.

चीन ने भारत-PAK को संयम बरतने की दी सलाह

बीजिंग की ओर से आए बयान में कहा गया कि चीन ने पहलगाम हमले की निंदा की है और आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है. वांग यी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों चीन के पड़ोसी हैं और एशिया की स्थिरता को बनाए रखने के लिए शांति जरूरी है. अजीत डोभाल ने बातचीत में स्पष्ट किया कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है, लेकिन देश की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है.

उमर अब्दुल्ला ने उठाए सीजफायर पर सवाल

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “यह कोई संघर्ष विराम नहीं है. श्रीनगर के बीचों-बीच हवाई रक्षा इकाइयां सक्रिय हैं और धमाकों की आवाजें आ रही हैं.” उन्होंने सवाल किया कि क्या यह वास्तव में सीजफायर है या दिखावा.

ड्रोन हमलों ने सीजफायर की वैधता पर उठाए सवाल

सीजफायर के बाद भी पूरी घाटी में ड्रोन गतिविधियों की पुष्टि हुई है. बारामूला में एक uav को भारतीय सेना ने रात 8:20 बजे रोका और निष्क्रिय कर दिया. वहीं, अनंतनाग में एक और ड्रोन रणनीतिक सैन्य प्रतिष्ठान के करीब मार गिराया गया. अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू सेक्टर में भी तनाव बरकरार है, जिससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान की मंशा सीजफायर के उल्लंघन की है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी की सख्त चेतावनी

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दो टूक कहा, “हम पाकिस्तान से आग्रह करते हैं कि वह सीजफायर उल्लंघनों पर लगाम लगाए और स्थिति को गंभीरता से संभाले.” उन्होंने आगे बताया कि भारतीय सेना को एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सख्ती से जवाब देने का निर्देश दिया गया है.

कूटनीति के साथ सेना भी सतर्क

हालांकि भारत ने बार-बार कहा है कि वह युद्ध नहीं चाहता, लेकिन उसने आतंकवाद और घुसपैठ को लेकर कड़ा रुख अपनाया है. भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के तीन बड़े एयरबेस – मुरीद चकवाल, नूर खान और रफ़ीकी को निशाना बनाया और लाहौर के एयर डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर दिया. यह कार्रवाई सिर्फ सैन्य ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी भारत की दृढ़ता को दर्शाती है. अमेरिका और चीन की मध्यस्थता के बावजूद भारत ने स्पष्ट किया कि भविष्य में अगर आतंकवाद की कोई भी घटना होती है, तो उसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.

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