चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के शीर्ष नेताओं ने त्रिपक्षीय सहयोग को गहरा करने और चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को अफगानिस्तान तक एक्सपैंड करने पर सहमति जताई है. इसका ऐलान पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के बीच हुई एक अनौपचारिक त्रिपक्षीय बैठक के बाद किया गया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार बीजिंग के तीन दिनों के दौरे पर हैं. यह भारत द्वारा पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने वाले ऑपरेशन सिंदूर के बाद इशाक डार का पहला उच्चस्तरीय दौरा है. बैठक में तीनों विदेश मंत्रियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए त्रिपक्षीय सहयोग को महत्वपूर्ण बताया.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने क्या कहा?
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग की अपनी तस्वीर शेयर करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं.” उनके कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “उन्होंने (तीनों नेताओं ने) डिप्लोमेटिक इंगेजमेंट, तीनों मुल्कों के बीच कम्युनिकेशन बढ़ाने, और ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर, और डेवलपमेंट की दिशा में कदम आगे बढ़ने पर चर्चा की.”
Pakistan, China, and Afghanistan stand together for regional peace, stability, and development. pic.twitter.com/MX9fLJCG6L
— Ishaq Dar (@MIshaqDar50) May 21, 2025
बयान में कहा गया है, “वे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) सहयोग को गहरा करने और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमत हुए.” पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस बात पर सहमति हुई कि छठी त्रिपक्षीय विदेश मंत्रियों की बैठक काबुल में जल्द ही आयोजित की जाएगी, लेकिन इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है.
भारत ने CPEC प्रोजेक्ट का किया है विरोध
CPEC परियोजना लगभग 60 बिलियन डॉलर की है और भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है, क्योंकि यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के रास्ते से गुजरता है. भारत इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है. इसके बावजूद, चीन और पाकिस्तान अफगानिस्तान को इस इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़ने की कोशिश में है.
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