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चीन की 400 करोड़ की गेमिंग एप वाली साजिश बेनकाब, ED ने की बड़ी कार्रवाई, 25 करोड़ जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीन की बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है. जांच एजेंसी ने चीनी ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. पहली बार ईडी ने ऑनलाइन गेमिंग एप FIEWIN से जुड़े चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट फ्रीज किए. जांच एजेंसी ने चीनी नागरिकों के 25 करोड़ जब्त किए. ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि इस गेमिंग एप के जरिए 400 करोड़ भारत से चीन पहुंचा है.

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इस मामले में ईडी ने भारत के चार नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है. ईडी जांच में खुलासा हुआ था कि भारत में इस गेपिंग के जरिये चीनी मूल के नागरिकों ने भारत में बड़ी सेंध लगाकर करीब 400 करोड़ की कमाई की और ये पैसा चीन पहुंचा था. ED ने तीन चीनी नागरिकों के 3 क्रिप्टो अकाउंट सीज किए हैं. चीन ने गेमिंग एप से भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की बड़ी साजिश रची थी.

इस तरह चीन की 400 करोड़ की गेमिंग एप वाली साजिश बेनकाब हो गई. दरअसल, कुछ दिन पहले ED ने इस गेपिंग एप के खिलाफ देश मे कई जगह छापेमारी कर कुछ भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था और तब ये खुलासा हुआ था कि कैसे इस गेमिंग एप के जरिये भारत का 400 करोड़ चीन पहुच गया है.ईडी कोलकाता ने फीविन ऐप आधारित ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी के मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.

16 मई 2023 को दर्ज हुआ था केस

इस मामले में पहले कोलकाता के कोसीपोर पुलिस स्टेशन में ऑनलाइन गेमिंग ऐप FIEWIN के जरिए धोखाधड़ी और साजिश के मामले में आईपीसी की धारा 420, 406 और 120B के तहत 16 मई 2023 को केस दर्ज हुआ था. ईडी ने PMLA के तहत जांच में पाया कि चीनी नागरिक भारतीय नागरिकों की मदद ये एप चला रहे हैं. FIEWIN ऐप के जरिए ऑनलाइन गेमर्स से इकठ्ठा किए गए पैसे कई लोगों (जिन्हें रिचार्ज व्यक्ति कहा जाता है) के बैंक खातों में किए गए.

इसके बदले एप मालिक रिचार्ज को कमीशन देते थे. जांच में पता चला कि अरुण साहू और आलोक साहू, जो उड़ीसा के राउरकेला के रहने वाले हैं ,उन लोगों ने “रिचार्ज व्यक्ति” के रूप में काम किया था. FIEWIN एप से उनके बैंक खातों में जो पैसे आए उन्हें क्रिप्टो करेंसी में बदल किया गया था. उन्होंने फीविन एप से कमाई क्रिप्टो करेंसी को विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज अर्थात बिनेंस पर चीनी नागरिकों के वॉलेट में जमा किया.

बिहार में बदली गई क्रिप्टो करेंसी

बिहार के पटना स्थित एक इंजीनियर चेतन प्रकाश ने रुपए को क्रिप्टो करेंसी (USDT) में बदलने में ऐसे “रिचार्ज व्यक्तियों” की मदद करके मनी लॉन्ड्रिंग में अहम भूमिका निभाई. जोसेफ स्टालिन नामक एक अन्य शख्स ने गांसु प्रांत के पाई पेंग्युन नामक चीनी नागरिक को अपनी कंपनी स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड का सह-निदेशक बनने में मदद की ,जोसेफ चेन्नई का रहने वाला है और सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.

पाई पेंग्युन ने ऐप से जुड़े बड़े पेमेंट लिए स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते का इस्तेमाल किया, जिससे उन्हें शुरुआत में गेमर्स का विश्वास हासिल करने में मदद मिली और एप यूजर्स को बड़े दांव लगाने के लिए उन्हें प्रेरित किया. फिर पेमेंट का पैसा जोसेफ स्टालिन के चीनी संचालकों द्वारा नियंत्रित वॉलेट से अपने बिनेंस खाते में क्रिप्टो करेंसी के रूप में लिया गया. बदले में उन्होंने बिनेंस पर पी2पी मोड के जरिए क्रिप्टो बेचकर यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी को रुपए में बदल लिया.

4 आरोपियों को किया गया अरेस्ट

अब तक की जांच से पता चला है कि फीविन एप आधारित धोखाधड़ी से करीब 400 करोड़ रुपये की गई है और ये पैसा चीनी नागरिकों के नाम पर 8 बिनेंस वॉलेट में जमा किया गया था, जैसा कि एक्सेस आईपी लॉग से पता चला है, ये वॉलेट चीन से चलाए जा रहे थे. चीनी नागरिक टेलीग्राम पर अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश, जोसेफ स्टालिन से बात करते थे और इस घोटाले में इस चारों की सक्रिय भूमिका है. इन सभी 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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