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चीन की नई चाल… नेपाल में फिर कर रहा घुसपैठ, तिब्बत सीमा पर कर रहा फेंसिंग

चीन अब नेपाल की जमीन पर कब्जा करने में लगा है. चीन की सेना ने नेपाल-तिब्बत सीमा पर कंटीलें तारों और कॉन्क्रीट बैरियर्स के साथ फेंसिंग करनी शुरू की है. इस खबर का खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से किया है. फेंसिंग करने के दौरान चीन ने नेपाल का बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है.

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इस तरह से जमीन पर कब्जा करना. फिर वहां पर फेंसिंग करना. इसके अलावा पहाड़ पर 600 फीट लंबा स्लोगन लिखना, चीन की नीयत को बताता है. चीन ने पहाड़ पर स्लोगन लिखा है- लॉन्ग लिव चाइनीज कम्यूनिस्ट पार्टी. ये इतना बड़ा है कि इसे अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है. चीन की इस हरकत से साफ पता चलता है कि वह नेपाल और पड़ोसी मुल्कों को उकसाना चाहता है.

सीमा पर विवाद और दस्तावेजों को अनदेखा करना

चीन ने अभी जो कब्जा किया है. उससे 2021 का मामला सामने आता है. ऐसे लगता है कि चीन उसी घटना को फिर से दोहराना चाहता है. नेपाली कांग्रेस के नेता जीवन बहादुर शाही ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की. जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे चीन ने नेपाल-चीन सीमा के पास नेपाली इलाके में हुमला जिले का बड़ा हिस्सा कब्जा कर लिया है.

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे चीन ने नेपाल के इलाके के आठ बॉर्डर पिलर्स को गिरा दिया. नेपाल की सीमा के अंदर निर्माण कर लिया. इस रिपोर्ट के आने के बाद भी नेपाली सरकार ने कुछ नहीं किया. इस रिपोर्ट को दबा दिया गया. क्योंकि वो बीजिंग के राजनीतिक दबाव में थी.

बाद में यह रिपोर्ट बीबीसी ने लीक की. लेकिन कोई एक्शन इसके बाद भी नहीं हुआ. नतीजा ये कि चीन ने अपना एक्शन और बढ़ा दिया. उसने नेपाल-चीन सीमा के आसपास 11 से ज्यादा इलाकों में कब्जा कर लिया है. कब्जे का तरीका भी लगभग एक जैसा ही है.

क्या है चीन की ‘सलामी-स्लाइसिंग’ रणनीति?

नेपाल-तिब्बत सीमा पर चीन जिस तरह से कब्जा कर रहा है. उसे सलामी स्लाइसिंग टैक्टिक कहते हैं. ये धीमे धीमे छोटे स्तर पर होने वाले कब्जे की सीरीज है. कुछ समय के लिए कब्जा करो. कोई एक्शन न हो तो जम जाओ. फिर उस पर अपना अधिकार जमा लो. यही तरीका चीन ने पूरे दक्षिण एशिया में कर रखा है.

साउथ चाइना सी में और भारतीय सीमा के साथ भी. जहां चीन छोटे-छोटे कब्जे करके बाद में बड़ा स्ट्रैटेजिक फायदा उठा लेता है. फिलहाल चीन अरुणाचल प्रदेश में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहा है. कई इलाके ऐसे हैं, जिन पर चीन अपना कब्जा जमाना चाहता है. उन इलाकों का नाम बदल रहा है. भारत इसका लगातार कड़ा विरोध कर रहा है. इसके अलावा लद्दाख में भी अपने नए ढांचे विकसित कर रहा है.

स्थानीय तिब्बती नागरिकों पर दबाव और कूटनीतिक सन्नाटा

चीन की सेना लगातार एथनिक तिब्बती नेपाली लोगों पर दबाव बनाता है. गांव वाले दलाई लामा की तस्वीर नहीं लगा सकते. अपने पूजा-पाठ नहीं कर सकते. वह तिब्बत की संस्कृति और पहचान को खत्म करना चाहता है. अब यही तरीका वह नेपाल में अपनाना शुरू कर चुका है. इससे नेपाल की संप्रभुता को खतरा है.

चीन की इस हरकत के बावजूद नेपाल की सरकार शांत है. कुछ नहीं कर रही है. नेपाल की सरकार असल में चीन पर निर्भर है. बहुत सारे आर्थिक और वैचारिक सपोर्ट जो मिलते हैं. इसलिए नेपाल ने इन कब्जों की तरफ से नजरे हटां ली हैं. चीन की सेना आराम से नेपाल के इलाकों को हथिया रहा है.

नेपाल के कुछ न करने का असर क्या होगा?

नेपाल अगर चीन की इस हरकत का विरोध नहीं करेगा, तो कुछ दिन बाद पूरा देश चीन के कब्जे में चला जाएगा. इसका खतरा भारत को भी होगा. साथ ही दक्षिणी चीन सागर में भी उसकी ताकत दिखाई देगी.

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