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जामताड़ा में बैठे हैं चीन के एजेंट, लोगों के साथ ऐसे हो रही साइबर ठगी

जामताड़ा के एक ऐसे साइबर ठग को इस बार गिरफ्तार किया गया है, जो चीन के अपने आकाओं के लिए काम कर रहा था. जी हां, जामताड़ा में बैठकर कर चीनी साइबर ठगों के इशारे पर काम करने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम  फरहदुर रहमान है. झारखंड पुलिस ने असम से उसकी गिरफ्तारी की है. उसके बाद पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं.

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चीनी साइबर ठग के भारतीय  एजेंट फरहादुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद झारखंड CID को कई अहम जानकारी मिली है. फरहादुर रहमान उर्फ तंजीम को शनिवार को झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने असम से गिरफ्तार किया है. रहमान पिछले पांच वर्षों से चीनी साइबर अपराधियों के संपर्क में था. रहमान ने CID की साइबर क्राइम ब्रांच के समक्ष कई खुलासे किए हैं.

गिरफ्तार रहमान ने साइबर क्राइम ब्रांच के समक्ष खुलासा किया है कि चीन और हांगकांग में बैठे साइबर अपराधी इंडियन नेटवर्क बना रहे हैं. इंडियन नेटवर्क की मदद से भारत के लोगों के खातों से जुड़ी डिटेल चीनी साइबर अपराधियों तक पहुंच रही है. गिरफ्तार रहमान भारत में रहने वाले लोगों के बैंक खातों का डिटेल, आधार कार्ड का डिटेल व कई अन्य प्रकार की जानकारियां भी चीनी साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराता था.

रहमान की मदद से चीनी साइबर अपराधियों ने अमेरिका में रहने वाली रांची की एक एनआरआई महिला से भी व्यापार करने के नाम पर 29 लाख रुपये की ठगी की है. इसी मामले में CID की साइबर क्राइम ब्रांच ने रहमान को गिरफ्तार किया है. रहमान की गिरफ्तारी से पहले इसी मामले में हरियाणा से रविशंकर द्विवेदी और वीरेंद्र को भी गिरफ्तार किया गया था.

CID की साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, चीनी साइबर अपराधी वीडियो कॉल के जरिए रहमान को ट्रेनिंग देते थे. वीडियो कॉल के जरिए उसे निर्देश भी मिलते थे. इसके बाद वह ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था. रहमान भारतीयों के बैंक खातों के साथ अन्य गोपनीय सूचनाएं फिलहाल चीन, हांगकांग, इंडोनेशिया में बैठे चीनी साइबर अपराधियों को मुहैया कराता था. ठगी की रकम पर उसे अच्छा कमीशन मिलता था.

CID की साइबर क्राइम ब्रांच ने असम से रहमान को गिरफ्तार करने के बाद उसे जेल भेज दिया है. रहमान से अभी कई मामलों में पूछताछ होनी है. जल्द ही उसे रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि चीनी साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके.

बताया जाता है कि जामताड़ा में पुलिस किसी मामले या घटना के बाद सीधे दबिश डालती थी. लिहाजा साइबर क्रिमिनल  देश छोड़कर बाहर से आपराधिक घटना को अंजाम देना शुरू कर दिया. करमाटांड़ के स्थानीय लोगों ने बताया था कि अपराधी अब देश की सीमा को छोड़कर पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश तक चले जाते हैं. फिर वहीं से वे वारदात को अंजाम देते हैं.

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