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अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग के हमले के पीछे चीनी कनेक्शन, जानें इसके बारे में सबकुछ

24 जनवरी 2024 को हिंडनबर्ग की तरफ से अदाणी ग्रुप पर शेयरों की कीमत से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था. इसके बाद ग्रुप की कंपन‍ियों के शेयर में भारी ग‍िरावट देखी गई. इस मामले को करीब 1.5 साल हो गए हैं और अदाणी ग्रुप इस संकट से उबर आया है. लेक‍िन अब इस मामले में नए-नए अपडेट सामने आ रहे हैं. कुछ ही द‍िन पहले SEBI की तरफ से अमेर‍िकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग को नोट‍िस जारी क‍िया गया था. ज‍िसके बाद हिंडनबर्ग की बौखलाहट साफ देखी गई और उसने इस पूरे मामले में कोटक ग्रुप को लपेट ल‍िया. इस पूरे घटनाक्रम में ग्रुप का मार्केट कैप 153 ब‍िल‍ियन डॉलर ग‍िर गया था.

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इसके बाद अमेर‍िकी शॉर्ट सेलर ने दावा क‍िया क‍ि इससे उसे केवल 4 ब‍िल‍ियन डॉलर का फायदा हुआ था. अब इस मामले में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है. वरिष्ठ वकील और राज्‍यसभा सदस्‍य महेश जेठमलानी ने आरोप लगाया कि चीनी सपोर्ट वाले एक कारोबारी ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट बनाई. इसके बाद जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई. जेठमलानी ने यह भी दावा किया कि चीनी जासूस अनला चेंगे (Anla Cheng) और उनके पति मार्क किंग्डन (Mark Kingdon) ने अडानी पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग को हायर क‍िया था.

उन्होंने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) का यूज अडानी के शेयरों को कम बिक्री पर खरीदने के ल‍िए ट्रेडिंग अकाउंट का सेटअप किया. उनके इस कदम से लाखों का मुनाफा हुआ और अडानी का मार्केट कैप ग‍िर गया. इसका असर यह हुआ क‍ि भारतीय खुदरा निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. राज्‍यसभा सदस्‍य की तरफ से दावा क‍िया गया क‍ि उनकी तरफ से उठाए गए कदमों का मकसद भारतीय कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्वी को कमजोर करके चीनी रणनीतिक हितों को बढ़ावा देना रहा. इन गतिविधियों को कथित तौर पर ‘क्रोनी कैपिटलिज्म’ के विरोध की आड़ में भारतीय गुट का समर्थन दिया गया था.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स (X) पर की गई पोस्ट में जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट LLC के पीछे अमेरिकी कारोबारी मार्क किंगडन ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग को हायर क‍िया था. उन्होंने कहा, ‘जो लोग चीनी जासूस अनला चेंग के बारे में जानना चाहते हैं, उन्‍होंने अपने पति मार्क किंगडन के साथ मिलकर हिंडनबर्ग को अडानी पर एक र‍िसर्च रिपोर्ट के लिए हायर क‍िया था. अदाणी के शेयरों को कम दाम में खरीदने के लिए कोटक की सर्व‍िस ली.’

जेठमलानी ने यह भी आरोप लगाया क‍ि कुछ लोगों ने अडानी के शेयरों को कम कीमत पर खरीदकर (शॉर्ट सेलिंग) करोड़ों रुपये कमाए. उन्होंने ऐसा करके अदाणी ग्रुप की मार्केट वैल्यू बहुत गिरा दी, जिससे कई भारतीय निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. इन लोगों का असली मकसद चीन के फायदे के लिए काम करना था. उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि अदाणी की कंपनी ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्‍ट में चीन को हराया था. किंगडन नाम का शख्‍स अदाणी के शेयरों में कारोबार करने के लिए कोटक के अंतरराष्ट्रीय निवेश विभाग के पास गया. उसने कोटक से विदेशी फंड और विदेशी खातों को खुलवाने में मदद मांगी. इसी मदद से कोटक इंडिया ऑपरचुनिटी फंड (KIOF) की शुरुआत हुई.

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