चीनी सरकार से जुड़े हैकर्स ने अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वेंस के फोन कम्यूनिकेशन को निशान बनाया है. सूत्रों के मुताबिक हैकर्स के निशाने पर बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी रहे हैं.
इस हफ्ते अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप के अभियान दल को जानकारी दी कि, ट्रंप और वेंस उन लोगों में शामिल हैं जिनके फोन पर चीनी हैकर्स की नजर है. ट्रंप अभियान के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए बाइडन-हैरिस अभियान की नीतियों को चीन के लिए सहायक करार दिया. अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि हैकर्स ने कौन-सी जानकारी हासिल की है. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों के फोन कम्यूनिकेशन विदेशी जासूसों के लिए हमेशा से अहम माने जाते रहे हैं.
शुक्रवार को FBI और साइबर सुरक्षा एजेंसी CISA ने कहा कि वे इस मामले की जांच कर रहे हैं, जिसमें चीनी हैकर्स द्वारा अमेरिकी दूरसंचार नेटवर्क में अनधिकृत पहुंच की कोशिश की गई थी. प्रभावित कंपनियों को सूचित करने और सहायता देने के बाद, FBI और CISA ने जांच में तेजी लाई है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने सबसे पहले इस घटना की जानकारी दी थी और बताया कि चीनी हैकिंग अभियान के तहत पिछले कुछ महीनों में कई अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों को निशाना बनाया गया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि ये हैकर्स राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. हैकर्स ने एटीएंडटी, वेरिज़ोन और ल्यूमेन जैसी प्रमुख अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों को निशाना बनाया है. हालांकि, चीनी सरकार ने इन आरोपों को खारिज किया है. यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब चीन, ईरान और रूस अमेरिकी चुनाव के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करने या निगरानी करने का प्रयास कर रहे हैं. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, चीन ने राष्ट्रपति चुनाव में कोई खास हस्तक्षेप नहीं किया है, लेकिन सोशल मीडिया अभियानों के जरिए कम से कम 10 अन्य चुनावी दौड़ों को निशाना बनाया है.