भारत में 2019 से फंसी एक चीनी महिला को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दस लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया है. यह रकम केंद्र सरकार से भुगतान करने को कहा गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि “भारत सरकार के आचरण” की वजह से उसे (चीनी महिला को हुई) मानसिक पीड़ा, ट्रॉमा और मुश्किलों के लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने साथ ही इमिग्रेशन ब्यूरो को महिला को एग्जिट परमिट जारी करने का आदेश दिया है, ताकि वह अपने देश (चीन) लौट सके.
जस्टिस पीके चव्हाण की बेंच ने 38 वर्षीय कांग लिंग द्वारा दायर याचिका पर आदेश जारी किया है. वह फ्लाइट डायवर्जन की वजह से मुंबई पहुंच गई थी और वहां वह सांताक्रूज के एक चॉल में रह रही थी. महिला चीन के शांडोंग शेंग की रहने वाली है. जस्टिस चव्हाण ने चीनी महिला की ‘दयनीय दुर्दशा’ देखी, जो 2019 में 12 दिसंबर को बीजिंग से चाइना एयरलाइंस से भारत आई थी.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चीनी महिला के फ्लाइट को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करना था, लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे मुंबई डायवर्ट कर दिया गया था. मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद उसने ग्रीन चैनल पार कर लिया लेकिन उसे एग्जिट गेट पर कस्टम अधिकारियों ने रोक लिया था.
कस्टम के पूछे जाने पर महिला ने बताया था कि उसे दिल्ली जाना था लेकिन खराब मौसम की वजह से फ्लाइट को डायवर्ट किया गया और इसलिए उसने समय बचाने के लिए मुंबई में इमिग्रेशन और कस्टम्स क्लियर करने और दूसरी घरेलू विमान से दिल्ली जाने का प्लान बनाया है. हालांकि, अधिकारियों ने महिला को अरेस्ट कर लिया था.
खोजबीन के बाद महिला के पास से एक किलोग्राम वजन की दस येलो मेटल की छड़ें मिली थीं. लगभग 10 हजार ग्राम वजन का 24 कैरेट सोना जब्त किया गया था, जिसकी कीमत 3,38,83,200 रुपये थी. महिला को बाद में जमानत मिल गई थी.
महिला ने कोर्ट को बताया कि वह सोने को हांगकांग ले जा रही थी, जिसका ज्वैलरी बनाने में इस्तेमाल किया जाना था. महिला ने बताया था कि उसने हांगकांग के लिए पहले ही फ्लाइट बुक कर रखी थी. बाद में उसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया, जिसे सेशन कोर्ट ने भी बरकरार रखा. कोर्ट ने इमिग्रेशन ब्यूरो से महिला को एग्जिट परमिट जारी करने का भी आदेश दिया था.
हालांकि, एक्जिट परमिट जारी नहीं किया गया, क्योंकि कस्टिम डिपार्टमेंट ने कहा कि वे उसे बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने जा रहे हैं. इसके बाद महिला ने हाईकोर्ट का रुख किया, जहां उसने एग्जिट परमिट के लिए आदेश जारी करने की मांग की थी. अब कोर्ट के आदेश के मुताबिक, इमिग्रेशन ब्यूरो को चीनी महिला को एग्जिट परमिट देना है, ताकि वह अपने देश चीन लौट सके.