बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें ‘बिना विचारधारा वाला अभिनेता’ करार दिया. तेजस्वी ने कहा, ‘चिराग पासवान की कोई विचारधारा नहीं है. वे एक्टर हैं, एक्टिंग करते हैं. तीन बार सांसद और केंद्रीय मंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कोई काम नहीं किया, सिर्फ ऊल-जुलूल बयान ही दिए.
गौरतलब है कि बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के मामले पर विपक्ष हमलावर है. विपक्ष इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जा चुका है. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को चुनाव आयोग से मांग की कि राज्य में चल रही मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (स्पेशल इंटेंसिव रिविजन) को आगामी विधानसभा चुनाव तक स्थगित कर दिया जाए.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
चुनाव तक रोक लगाने की मांग
पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने कहा कि यह प्रक्रिया मतदाताओं के लिए परेशानी का कारण बन रही है. इस मौके पर उनके साथ INDIA गठबंधन के अन्य दलों के नेता भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, ‘चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इस प्रक्रिया को रोक दे और पहले अपने बूथ लेवल अधिकारियों से बातचीत करे, जो इस काम में मतदाताओं की नाराजगी झेल रहे हैं.’
तेजस्वी यादव ने यह भी सवाल उठाया कि आधार कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में क्यों नहीं माना जा रहा, जबकि ये दस्तावेज ज्यादातर लोगों के पास उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा, ‘आधार कार्ड बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद बनता है और खुद चुनाव आयोग वोटर आईडी से आधार लिंक कराना चाहता है, लेकिन फिर भी इसे मान्य दस्तावेज नहीं माना जा रहा यह समझ से परे है.’
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग से यह भी मांग की कि हर दिन विधानसभा क्षेत्रवार उन मतदाताओं की जानकारी सार्वजनिक की जाए, जिनका नाम इस पुनरीक्षण में जुड़ा या हटाया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह जानने की भी मांग की कि जिन ‘वालंटियर्स’ को बूथ स्तर अधिकारियों की मदद के लिए लगाया गया है, उनकी पहचान और चयन की प्रक्रिया क्या है.
तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग से कई बार इस विषय पर शिकायत की गई है, लेकिन अब तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है ताकि समय रहते दखल दिया जा सके और बिहार में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित हो सकें.