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चूरू: ऑपरेशन सिंदूर के हीरो सार्जेंट भलेसिंह राष्ट्रपति वीरता पदक से होंगे सम्मानित, गांव और तहसील में दौड़ी ख़ुशी की लहर

चूरू: सादुलपुर तहसील के गांव हासियावास के सपूत, भारतीय वायुसेना के सार्जेंट भलेसिंह को उनकी अदम्य बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए राष्ट्रपति की ओर से वीरता पदक से सम्मानित किया जाएगा. यह घोषणा 14 अगस्त को राष्ट्रपति भवन से जारी वीरता पदक सूची में की गई.  सूचना मिलते ही गांव ही नहीं बल्कि तहसील क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई.

साल 2024-25 के दौरान हुए ऑपरेशन सिंदूर में सार्जेंट भलेसिंह ने वायुसेना की एस-400 ग्रनिट एयर डिफेंस यूनिट में लांचर इंचार्ज रहते हुए असाधारण साहस का परिचय दिया. दुश्मन की तीव्र हवाई चुनौती के बावजूद उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना के पांच लड़ाकू विमान एफ-16 सहित अवाक्स विमान को मार गिराने में निर्णायक योगदान दिया.

क्रूज मिसाइलें, स्टैंड-ऑफ वेपन्स और लॉच वेव अटैक दागे. उस समय एस-400 यूनिट ने दुश्मन के अधिकांश हथियार हवा में ही नष्ट कर दिए. सबसे खतरनाक क्षण तब आया जब गोलाबारी और मिसाइल हमलों के बीच एक लांचर सिस्टम खराब हो गया.  चारों तरफ आग और विस्फोट के बीच सार्जेंट भलेसिंह ने अपनी जान की परवाह किए बिना उस लांचर को रिपेयर किया. रिपेयर किए गए उसी लांचर से मिसाइल दागकर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के एडब्ल्यूएसीएस विमान पेशावर के पास 314 किलोमीटर दूर मार गिराया. यह दूरी भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक रिकॉर्ड साबित हुई.

भले सिंह के साहस, आत्मविश्वास और टीमवर्क की भावना ने भारतीय वायुसेना को निर्णायक जीत दिलाई. उनके इस शौर्यपूर्ण योगदान को मान्यता देते हुए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक से नवाजा जाएगा.

सार्जेंट भले सिंह ने 30 जून को भारतीय वायुसेना से रिटायरमेंट लिया. परंतु उनका यह पराक्रम और शौर्य हमेशा भारतीय सेनाओं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा.

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