मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने गोवा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के समारोह को संबोधित करते हुए बुलडोजर नीति और आरक्षण से जुड़े अहम मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि न्यायपालिका हमेशा जनता के अधिकारों की रक्षा करने और संविधान की मर्यादा बनाए रखने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
सीजेआई गवई ने बुलडोजर नीति पर कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून से ऊपर कोई नहीं हो सकता। यदि किसी व्यक्ति ने अपराध किया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कानून के दायरे में रहकर होनी चाहिए। बिना न्यायिक प्रक्रिया के घर गिराना या सजा देना न्याय व्यवस्था के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि कानून और संविधान के अनुसार ही हर कार्रवाई होनी चाहिए।
अपने ऐतिहासिक फैसले का जिक्र करते हुए सीजेआई गवई ने आरक्षित वर्ग में ‘क्रीमी लेयर’ की अवधारणा पर भी चर्चा की। उन्होंने समझाया कि आरक्षण का उद्देश्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को आगे बढ़ाना है। यदि कोई परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम हो चुका है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इससे वास्तव में जरूरतमंद वर्ग तक अवसर पहुंच पाते हैं।
सीजेआई ने यह भी कहा कि न्यायपालिका का दायित्व केवल फैसले सुनाना नहीं है बल्कि समाज में संतुलन बनाए रखना भी है। उन्होंने युवा वकीलों और छात्रों से अपील की कि वे संविधान और कानून की मूल भावना को समझें और न्याय की रक्षा को सर्वोच्च कर्तव्य मानें।