खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों में घिरे पूर्व रॉ अधिकारी विकास यादव के वकीलों ने बड़ा दावा किया है. विकास यादव को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपहरण और हत्या के मामले में करीब दस महीने पहले गिरफ्तार किया था. अमेरिका में यादव पर आरोप तय किए गए हैं. इसको लेकर अब विकास यादव के वकीलों का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि विकास यादव को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
यादव के वकील आरके हांडू और आदित्य चौधरी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बलि का बकरा बनाया जा रहा है. वकीलों ने कहा कि आरोपों को सुनकर विकास यादव स्तब्ध रह गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए विकास यादव को इन आरोपों के बारे में पता चला. उन्होंने दावा किया कि विकास यादव कभी देश से बाहर नहीं गए. उन्होंने कभी विदेश यात्रा नहीं की. उनके खिलाफ़ लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. यह भारत और भारतीय सरकार के खिलाफ एक साजिश है.
दरअसल, अमेरिकी न्याय विभाग ने पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी पर पन्नू की हत्या की असफल साजिश का आरोप लगाया है. यादव के कथित सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता पर पहले आरोप लगाए गए थे और उसे संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था. चार्जशीट में विकास यादव का जिक्र CC-1 के तौर पर किया गया था.
जानिए कौन है विकास यादव?
अमेरिकी अभियोग में जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि पन्नू मामले के आरोपियों और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप निज्जर की हत्या के बीच सीधा संबंध हैं. जानकारी के मुताबिक, 18 जून को कनाडा के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर निज्जर की हत्या के कुछ ही घंटों बाद, CC1 (विकास यादव) ने निखिल गुप्ता को निज्जर के शव का एक वीडियो भेजा था. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो किसने बनाया और यादव को भेजा.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि यादव पहले भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) के अधिकारी थे और उन्होंने इस साजिश के दौरान “अमानत” फर्जी नाम इस्तेमाल किया. उनकी तस्वीरें जारी करते हुए एफबीआई ने बताया कि उनका जन्म हरियाणा के प्राणपुरा में हुआ था. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अभियोग में जिन व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है, वे अब भारतीय सरकार के लिए काम नहीं करते हैं.
क्या है पूरा मामला?
पिछले साल नवंबर में फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अमेरिकी सरजमीं पर पन्नू की हत्या की साजिश रची गई थी, जिसे नाकाम कर दिया गया था. पन्नू अमेरिकी नागरिक है और भारत ने उसे आतंकी घोषित कर रखा है. इसके बाद अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने इस मामले को लेकर न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक अभियोग भी दायर किया था. इसमें निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक और अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी पर पन्नू की हत्या करने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया गया था. निखिल गुप्ता को पिछले साल जून में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उसे इसी साल प्रत्यर्पण कर अमेरिका लाया गया है. निखिल गुप्ता अभी अमेरिका की जेल में बंद है.