सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने सोमवार को बताया कि कुछ प्रोपाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स झूठा दावा कर रहे हैं कि भारतीय सेना की तैयारी से जुड़े ‘गोपनीय दस्तावेज’ लीक हुए हैं. पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स (X) प्लेटफॉर्म पर इन दस्तावेजों को ‘फर्जी’ बताया.
ये घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. पिछले हफ्ते, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे.
22 अप्रैल को हुए इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा बलों को ‘अत्यधिक सतर्कता’ बनाए रखने के निर्देश दए गए.
पआईबी ने बताई सच्चाई
पीआईबी फैक्ट चेक ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘प्रोपाकिस्तान सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा भारतीय सेना की तैयारी से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने का झूठा दावा किया जा रहा है. PIB Fact Check ने इन दस्तावेजों को फेक घोषित किया है. कृपया अपुष्ट सूचनाएं साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें.’
बैंक खाता खोलकर दान मांगने का दावा भी झूठा
इसके अलावा, रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक ‘भ्रामक’ व्हाट्सएप मैसेज के बारे में भी चेताया जिसमें दावा किया गया था कि सरकार भारतीय सेना के आधुनिकीकरण के लिए एक बैंक खाता खोलकर दान मांग रही है. मंत्रालय ने इस दावे को फर्जी बताते हुए लोगों से सतर्क रहने और ऐसे धोखाधड़ी वाले संदेशों से बचने की अपील की. पीआईबी फैक्ट चेक ने भी रविवार को इस संदेश को झूठा बताते हुए जनता को आगाह किया था.
जिपलाइन ऑपरेटर से एनआईए करेगी पूछताछ
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के सिलसिले में एनआईए जिपलाइन ऑपरेटर से पूछताछ करेगी. यह कदम चश्मदीद ऋषि भट्ट द्वारा आजतक को दिए गए बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने ऑपरेटर की भूमिका पर सवाल उठाए थे.
ऋषि भट्ट ने दावा किया था कि हमले के दौरान गोलीबारी की आवाज सुनने के बाद ऑपरेटर ने कथित रूप से इस्लामिक नारा लगाया और इसके बावजूद उन्हें जिपलाइन पर आगे बढ़ने के लिए कहा. अब एनआईए और जम्मू-कश्मीर पुलिस ऑपरेटर से दोबारा पूछताछ कर घटना से जुड़े पहलुओं की जांच करेगी.