सुप्रीम कोर्ट ने आज एक सुनवाई करते हुए कहा कि कई राज्य राशन देने वाली व्यवस्थाओं के जरिये जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी वाली जरुरी चीजें सप्लाई करने का दावा करते हैं, लेकिन ये राशन बीपीएल वाले लाभार्थी परिवारों तक नहीं पहुंचता है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्य दिखावे के लिए राशन कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या वाकई लाभ बीपीएल व्यक्तियों तक पहुंच रहे हैं? क्या वास्तविक बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) परिवारों के तय किए लिए फायदे उन लोगों की जेब में जा रहे हैं जो इसके हकदार नहीं हैं?
सुनवाई में कोरोना का हुआ जिक्र
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी. अदालत ने कहा कि राशन कार्ड का इस्तेमाल उन राज्यों की तरफ से दिखावे के लिए किया जाता है जो दावा करते हैं कि उन्होंने इतने सारे राशन कार्ड जारी किए हैं.
कोर्ट ने कोरोना – कोविड-19 महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों के सामने आने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर दर्ज किए गए एक मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की. अब यहां से आगे इस मामले पर क्या आदेश पारित करती है, इस पर भी सभी की नजर रहेगी.