महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सवालों के घेरे में हैं. योगी सरकार पर उठ रहे सवाल अब सड़को और न्यूज रूम से निकल संसद तक पहुंच गए हैं. महाकुंभ भगदड़ मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट किया.
समाजवादी पार्टी के के राज्यसभा सांसद राम गोपाल ने वॉकआउट के बाद कहा, “यह घटना प्रशासन के कुप्रबंधन की वजह से हुई है. चश्मदीदों का कहना है कि भगदड़ में हजारों लोग मारे गए हैं, परिवारों को शव नहीं मिल रहे हैं, अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हमने यहां नोटिस दिए हैं लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया है.”
कुंभ पर घिरी यूपी सरकार
कुंभ में योगी सरकार पर सवाल उठाने वालों के लिए सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म के खिलाफ षड्यंत्र करने से बाज नहीं आते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के दूसरी सबसे बड़ी पार्टी सपा के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है, “कुंभ में लोग अभी भी लापता है, लोग आशंका में है कि उनके परिवार के सदस्य कहां है. सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे लोगों की सूची जारी करें.”
शवों को गंगा में बहाया गया – सपा सांसद
वहीं रामगोपाल ने ये भी आरोप लगाया कि यूपी सीएम के सख्त आदेश कि मरने वालों की संख्या 30 से ऊपर न जाए. उन्होंने कहा कुछ शवों को गंगा में बहा दिया गया, तो कुछ को मिट्टी में दबा दिया गया, अधिकारी लोगों को पैसा देकर शवों को भेज रहे हैं, ताकि गिनतें में न आ सके.
न्यायिक जांच CJI से हो
सपा सांसद ने कहा कि न्यायिक जांच सिर्फ आई वाश है. अगर यूपी सरकार में हिम्मत है तो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया खन्ना साहब से कहें कि वो कमेटी बनाकर जांच करवा दें.
रामगोपाल ने आगे कहा, “धनकड़ साहब सर्टिफिकेट देने में माहिर हैं, वो कुंभ गए फुल VVIP ट्रीटमेंट लिया, उनको दिया गया कि, वो सब बढिया बता दें. लेकिन वो कोई चीफ जस्टिस हैं क्या? वो उस जगह पर तो नहीं गए जहां घटना हुई.
कितने लोगों की कुंभ में मौत?
कुंभ भगदड़ में मारे गए लोगों का सही आंकड़ा अभी पता नहीं लग पाया है. अधिकारिक तौर पर 49 लोगों की मौत हुई है जिसमें 25 शवों की पहचान कर ली गई है बाकी अज्ञात हैं. दूसरे और अलग-अलग दावे किए जा रहें हैं, कुछ दावों में मरने वालों की संख्या एक हजार तक बताई जा रही है.
महिलाओं की सुरक्षा पर भी बोला हमला
अयोध्या हुए रेप पर सांसद ने कहा, “अयोध्या में जो हुआ वो पूरे प्रदेश में हो रहा है. महिलाओं के खिलाफ पूरे यूपी में खूब अपराध हो रहे हैं. लेकिन सरकार जैसे कुंभ में मृतकों के आंकड़े छिपा रही है, वैसे ही प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अत्यचार के मामले दबाए- छिपाए जा रहे हैं.