अयोध्या : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को लेकर इन दिनों एक खबर तेजी से वायरल हो रही थी, जिसमें दावा किया जा रहा था कि मंदिर परिसर की पवित्र मिट्टी वहां आने वाले राम भक्तों में बांटी जाएगी. इस दावे ने राम भक्तों के बीच उत्साह तो बढ़ाया, लेकिन साथ ही कई सवाल भी खड़े हो गए. इस पूरे मामले पर अब श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसी खबरें पूरी तरह से हैं और इनका कोई आधार नहीं है.
मिट्टी भक्तों को नहीं दी जाएगी, परिसर में ही होगा उपयोग
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर परिसर के भीतर ही एक साधना स्थल और पार्क विकसित किया जा रहा है, जो लगभग 10 एकड़ भूमि में फैला होगा। इस स्थल पर जमीन को समतल करने और पटाई करने के लिए मिट्टी की आवश्यकता है, और उसी उद्देश्य से इस पवित्र मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हम नहीं चाहते कि यह पूजनीय मिट्टी मंदिर परिसर से बाहर जाए.यह हमारी आस्था का विषय है और हम राम भक्तों की आस्था को किसी प्रकार की ठेस नहीं पहुंचाना चाहते. इसलिए इस मिट्टी का उपयोग केवल परिसर के भीतर ही किया जाएगा. ”
तीन महत्वपूर्ण निर्माण कार्यों की शुरुआत
राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और आने वाले छह महीनों में इसे समापन की ओर ले जाने की योजना पर कार्य चल रहा है. मिश्रा ने बताया कि परिसर में तीन अहम निर्माण कार्य की शुरुआत की जा रही है:
- सुरक्षा दीवार का निर्माण:
राम मंदिर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगभग 4 किलोमीटर लंबी सुरक्षा दीवार का निर्माण कार्य आरंभ किया गया है. यह दीवार इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड द्वारा तैयार की जाएगी और इसकी ऊंचाई व मोटाई पर अंतिम निर्णय ले लिया गया है. मिश्रा ने कहा कि यह दीवार 18 महीने में बनकर तैयार हो जाएगी और इसके लिए स्वायल टेस्टिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. - यात्री सुविधा केंद्र का विस्तार:
मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यात्री सुविधा केंद्र की क्षमता को भी बढ़ाया जाएगा. विशेष रूप से, परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल और निजी सामान रखने के लिए 62 काउंटरों वाला विशाल शू रैक सेंटर बनाया जाएगा. यह सेंटर भी 10 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा, जिससे भक्तों को परेशानी का सामना न करना पड़े. - गर्भगृह के मुख्य शिखर पर कलश पूजन विधि का शुभारंभ:
14 अप्रैल 2025 को राम मंदिर के गर्भगृह के मुख्य शिखर पर प्रातः 9:15 बजे कलश पूजन विधि का शुभारंभ हुआ, और इसके उपरांत 10:15 बजे विधिवत रूप से कलश की स्थापना की गई. यह समारोह धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है और यह दर्शाता है कि मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम आध्यात्मिक चरण में प्रवेश कर चुका है.
श्रद्धालुओं से संयम और सचेत रहने की अपील
नृपेंद्र मिश्रा ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें. उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट और निर्माण समिति समय-समय पर आधिकारिक जानकारी साझा करती रहेगी, जिससे किसी तरह का भ्रम न फैले.
आस्था और आधुनिकता का संगम बनेगा राम मंदिर परिसर
राम मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.इसके साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं, सुरक्षा मानकों और भक्तों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.आने वाले वर्षों में यह मंदिर न केवल एक भव्य तीर्थस्थल के रूप में उभरेगा, बल्कि विश्वस्तरीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी जाना जाएगा.
अयोध्या में राम मंदिर परिसर की मिट्टी भक्तों को बांटे जाने की बात केवल एक अफवाह है, जिसका ट्रस्ट ने खंडन कर दिया है. साथ ही सुरक्षा, सुविधा और निर्माण के अन्य पहलुओं पर तेजी से काम किया जा रहा है.अब सभी राम भक्तों की निगाहें मंदिर के आगामी उद्घाटन और आध्यात्मिक अनुष्ठानों पर टिकी हुई हैं, जहां भक्ति, विश्वास और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा.