इंदौर। एक बार गुंडे का ठप्पा लग गया तो कुछ भी कर लो हटेगा नहीं। मान-प्रतिष्ठा भी खत्म हो जाती है। पुलिस-प्रशासन से परेशान होना पड़ता है। मार खानी पड़ती है। थोड़ा करेंगे और ज्यादा भरेंगे। बार-बार थाने और कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। पैसे की बर्बादी हो जाएगी। मैं अपने बच्चों को मेरे जैसा नहीं बनाना चाहता हूं। उन्हें सम्मान से जीने लायक बनाऊंगा।
ये बातें आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों ने हीरानगर थाने में लिखी हैं। पुलिस ने उन्हें काउंसलिंग और पूछताछ के लिए बुलाया था। बातचीत के दौरान अफसरों ने उनसे सवाल पूछे कि क्या वे बच्चों को भी ऐसा (अपराधी) बनाना चाहते हैं। एसीपी रुबीना मिजवानी के अनुसार थाने में करीब 25 बदमाशों को बुलाया गया था।
पुलिस ने उनके कामकाज की जानकारी भी ली
उनके साथ उनकी पत्नियां, बच्चे, माता-पिता भी आए थे। पुलिस ने उनकी दिनचर्या, कामकाज की जानकारी ली। अपराध न करने की सलाह दी और कहा कि सुधरने में पुलिस भी मदद करेगी। इस दौरान पुलिस ने थाने में कुछ सवाल भी पूछे। बदमाशों ने उनका लिखित में जवाब दिया। बच्चों पर बात आई तो सभी ने एक जैसे उत्तर लिखे।
क्या बच्चों को अपने जैसा बनाना चाहते हो?
मुझे सुधरने में बहुत समय लगा। तब तक आधा जीवन समाप्त हो गया। मेरे कारण माता-पिता को भी परेशान होना पड़ा।
आपके अंदर परिवर्तन कैसे आया?
मैं शादी के बाद सुधर गया। मेरे माता-पिता नहीं थे। कोई समझाने वाला नहीं था।
(नोट- जैसा बदमाशों ने कापी में पुलिस को लिखकर दिया)
सात बदमाश जिलाबदर
पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने 14 बदमाशों पर कार्रवाई की है। सात को जिलाबदर किया जबकि सात को थाने में हाजिरी देने के आदेश दिए हैं। पुलिस के मुताबिक अतीक उर्फ अतीकुर रहमानल काजी की चाल, मंगेश अंकोलकर सुखलिया, अमन कोचले चितावद, जयराज कदम सूर्यदेव नगर, शक्ति उर्फ सत्ता सिंह और संजय खोरवाल कुलकर्णी नगर, अमन उर्फ बड़े लाल गली को जिलाबदर किया है।
इसी तरह आरोपित रईस खान निवासी नंदन नगर, दीपक जाट निवासी सर्वहारा नगर, नारायण उर्फ नरेंद्र सूर्यवंशी निवासी गौरीनगर, धर्मेंद्र उर्फ धम्मू यादव निवासी मूसाखेड़ी, रवि गौंड निवासी बक्षीबाग कॉलोनी, रोहन कौशल निवासी देवनगर और दीपक उर्फ भतीजा निवासी नेहरू नगर को छह माह के लिए निर्बन्धन किया है।