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“स्वच्छ गंगा मिशन: चंदौली, मणिकपुर के लिए 272 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी, बक्सर को भी मिला लाभ”

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 59वीं कार्यकारी समिति (ईसी) की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई. ये बैठक एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव कुमार मित्तल की अध्यक्षता में हुई है. इस दौरान गंगा के संरक्षण और पुनरुद्धार के लिए समर्पित कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई. इन पहलों का उद्देश्य नदी की स्वच्छता, सतत विकास और पर्यावरणीय व सांस्कृतिक महत्व के संरक्षण को बढ़ावा देना है.

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एनएमसीजी की कार्यकारी समिति ने उत्तर प्रदेश में गंगा के कायाकल्प और स्वच्छता के प्रयासों को और मजबूत करने के लिए प्रमुख पहल की है. चंदौली और मानिकपुर के लिए 272 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. चंदौली में 263 करोड़ के अनुमानित लागत वाले प्रोजेक्ट हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल पर आधारित है और इसमें 45 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य सहायक संरचनाओं का निर्माण शामिल है.

यह पहल नदी प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए डिजाइन की गई है, जिसमें अगले 15 सालों के लिए ओएंडएम सुनिश्चित किया गया है. इसके अतिरिक्त, प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर में 9 करोड़ की लागत से एक फेकल स्लज मैनजमेंट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा बिहार के बक्सर में नदी संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. 257 करोड़ रुपए की लागत वाली एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. DBOT मॉडल पर आधारित ये प्रोजेक्ट निर्माण से आगे बढ़कर अगले 15 सालों के लिए एक मजबूत संचालन और रखरखाव प्रणाली सुनिश्चित करेगा. इस पहल के तहत 50 MLD की क्षमता वाले अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और सहायक संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा.

तीन इंटरसेप्शन पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे

इस प्रोजेक्ट का एक प्रमुख पहलू प्रकृति-आधारित समाधान का उपयोग करके अतिरिक्त 1 MLD क्षमता वाले STP का निर्माण करना है. इसके अलावा, इस प्रोजेक्ट में तीन इंटरसेप्शन पंपिंग स्टेशनों का निर्माण और 8.68 किलोमीटर लंबे सीवर नेटवर्क का विकास शामिल है, जो बक्सर में आधुनिक और टिकाऊ बुनियादी ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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