चंदौली : डीडीयू नगर स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी नगर पालिका परिषद की है, लेकिन डीडीयू नगर में सफाई व्यवस्था की स्थिति इसके बिल्कुल उलट नजर आ रही है.नगर पालिका कार्यालय से कुछ ही दूरी पर मुख्य बाजार के आसपास सफाई कर्मचारी खुले में कूड़ा डाल रहे हैं, जिससे दुकानदारों और राहगीरों को भारी परेशानी हो रही है.
सफाई कर्मचारियों द्वारा बाजार के बीचों-बीच सड़क किनारे दुकानों के सामने कूड़ा डाले जाने से बदबू और गंदगी का माहौल बना हुआ है. दुकानदारों का कहना है कि सड़े हुए कूड़े की दुर्गंध के कारण ग्राहक उनकी दुकानों में आने से कतराते हैं, जिससे उनके व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.राहगीर भी इस गंदगी से परेशान हैं, क्योंकि सड़क पर चलना दूभर हो गया है। सड़क पर फैले कूड़े से गए प्लास्टिक खा रही है .
कूड़ेदानों की कमी और लापरवाही का आलम
नगर पालिका द्वारा बनाए गए कूड़ेदान अक्सर क्षमता से अधिक भरे रहते हैं, जिसके चलते सफाई कर्मचारी खुले में कूड़ा फेंक देते हैं.यह न केवल स्वच्छता अभियान को विफल करता है, बल्कि स्थानीय निवासियों और दुकानदारों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरा भी पैदा करता है.
लोगो ने नगर पालिका से मांग की है कि सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.उनका कहना है कि कूड़ेदानों को व्यवस्थित स्थानों पर लगाया जाए और नियमित रूप से इन्हें खाली कराया जाए.साथ ही, सफाई कर्मचारियों को कूड़ा निस्तारण के लिए स्पष्ट निर्देश दिए जाएं.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने कई बार इस समस्या की शिकायत की, लेकिन नगर पालिका ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.ऐसे में प्रशासन की चुप्पी ने नागरिकों की नाराजगी बढ़ा दी है.
अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह गंदगी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है.स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से भी हस्तक्षेप करने की मांग की है ताकि नगर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके.
नगर पालिका की जिम्मेदारी
स्वच्छता अभियान को सफल बनाने और शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर पालिका को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी.कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया को सुचारू बनाने और गंदगी से संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने की जरूरत है. स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कार्रवाई की जाएगी.