CM-डिप्टी CM ने किया पुष्पवर्षा से कांवड़ियों का स्वागत, अमरकंटक में मिलेगा स्थायी विश्राम स्थल…

छत्तीसगढ़ सरकार ने कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश की। सावन महीने की तीसरे सोमवार यानि आज इसका आयोजन कवर्धा में किया गया है। CM विष्णुदेव साय, डिप्टी CM विजय शर्मा, अरुण साव और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह रायपुर से हर-हर महादेव का जय घोष करते हुए रवाना हुए। जहां ऊंचाई से कावड़ियों पर फूल बरसाए।

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इससे पहले सीएम साय ने मीडिया से चर्चा में कहा, 146 करोड़ से भोरमदेव कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। वहां पर आने वाले लोगों के लिए नई सुविधाओं का निर्माण होगा। हम मध्यप्रदेश में भी प्रयास कर रहे हैं कि अमरकंटक में वहां की सरकार हमें जमीन देगी तो कावड़ियों के ठहरने के लिए व्यवस्था की जाएगी।

बता दें कि भोरमदेव मंदिर के पास का आने वाले कावड़ियों का अंगूठे अंदाज में स्वागत किया जाएगा। यहां अमरकंटक से लगभग 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके भक्त जल चढ़ाने पहुंचते हैं।

गरियाबंद में पंचकोशी यात्रा

सावन के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्रयागराज कहे जाने वाले राजिम के कुलेश्वर महादेव में पंचकोशी यात्रा की शुरुआत हुई। यहां त्रिवेणी संगम के बीचों बीच स्थित कुलेश्वर महादेव में जलाभिषेक करने भक्त सुबह से पहुंचे।

इस मंदिर की मान्यता है कि वनवास काल के दौरान माता सीता ने कुलेश्वर महादेव की स्थापना नदी के बालू से किया था। क्षेत्र के प्रसिद्ध पंचकोशी की यात्रा का आरंभ भी इसी स्थान से होता है।

अभनपुर के पूर्व विधायक धनेंद्र साहू ने कुलेश्वर महादेव के अभिषेक के साथ इस साल भी हमेशा की तरह पंचकोशी यात्रा का आरंभ किया।

दुर्ग में 33 किलोमीटर की कावड़ यात्रा

दुर्ग जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कांवड़ यात्रा निकाली गई। शिवनाथ जल लेकर भक्त पूरे उत्साह के साथ हर-हर भोलेनाथ के जयकारा लगाते 33 किलोमीटर की यात्रा पूरी की और देवबलोदा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान को जल अर्पित किया।

इस धार्मिक यात्रा में पुरुषों ने भगवा रंग के गमछे और महिलाएं केसरिया और पीले रंग की साड़ी में पारंपरिक स्वरूप में नजर आईं। यात्रा के दौरान कई सामाजिक संस्थाएं और स्थानीय नागरिक ने कई स्थानों पर यात्रियों का पुष्पवर्षा और जलपान से स्वागत किया।

पेंड्रा में 8 किलोमीटर की कावड़ यात्रा

सावन के तीसरे सोमवार पर मध्यप्रदेश के अमरकंटक और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित ज्वालेश्वर में शिव भक्तों और कांवड़ियों की भारी भीड़ देखी गई। सैकड़ों श्रद्धालु नर्मदा उदगम से जल लेकर 8 किलोमीटर पैदल चलकर ज्वालेश्वर महादेव पहुंचे।

यहां उन्होंने स्वयंभू शिवलिंग पर नर्मदा के उदगम जल के साथ बेलपत्र, दूध, दही से भगवान शिव का जलाभिषेक कर अपनी मनोकामनाएं मांगीं। श्रद्धालुओं ने पहले नर्मदा उदगम से जल भरा और विशेष पूजा-अर्चना के बाद यात्रा शुरू की। मार्ग में उनकी कांवड़ों की आरती हुई।

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