मध्य प्रदेश में बेरोजगारी भी एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा हर चुनाव में बनता आया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसी मुद्दे को विपक्ष से छिनने के लिए एक बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में साढ़े तीन लाख युवाओं को रोजगार दिया जाने वाला है. इसमें 1,00,000 पद सरकारी भर्ती के हैं. सीएम ने यह भी कहा है कि भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.
मोहन यादव ने अपनी घोषणा में कहा है कि कुछ पद लोक सेवा संघ आयोग के माध्यम से भरे जाएंगे, जबकि कुछ पद कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से भर्ती किए जाएंगे. सीएम की घोषणा से बेरोजगारियों को काफी उम्मीद बंधी है. हालांकि बयान पर भी राजनीति गर्मा रही है.
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि सरकार केवल मंच से ही नौकरी देने का दावा रही है, जबकि धरातल पर बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार 20 साल से है. इसके बाद भी बेरोजगारी बढ़ना सरकार की सफलता का प्रमुख कारण है.
निवेशकों के माध्यम से ढाई लाख भर्ती
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में निवेश हो रहा है. औद्योगिक विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश लगातार आगे बढ़ रहा है. इन्हीं निवेशकों की वजह से ढाई लाख नई नौकरियों का सृजन हुआ है. यह नौकरियां भी युवाओं को आगे बढ़ाने और मध्य प्रदेश की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाली है. इन साढ़े तीन लाख पदों में एक लाख पद सरकारी भर्ती के तहत भरे जाएंगे.