मध्य प्रदेश सरकार ने वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ से पहले बड़ा फैसला लिया है. मोहन यादव सरकार ने धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग को राजधानी भोपाल से ‘महाकाल की नगरी’ उज्जैन शिफ्ट करने के निर्णय लिया है. इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. सिंहस्थ से पहले यह मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा फैसला माना जा रहा है. इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक को भी उज्जैन स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है.
वर्तमान में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग राजधानी भोपाल स्थित संचालनालय सतपुड़ा भवन से संचालित किया जा रहा है. लेकिन, अब यह विभाग भोपाल से संचालित नहीं होगा. धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग अब उज्जैन स्थित सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के भवन से संचालित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का संचालन भी उज्जैन से
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार का धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग प्रदेश में बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराने के साथ-साथ विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मेले का आयोजन करता है. इसी विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का संचालन भी किया जा रहा है. जिसके चलते मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना संचालक को भी उज्जैन स्थानांतरित करने का फैसला किया है.
सिंहस्थ की रूपरेखा उज्जैन से तय होगी
सरकार के इस फैसले के बाद धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग मुख्यालय के संचालक सहित पूरा स्टाफ उज्जैन में भी बैठेगा. इसके चलते प्रदेश के धार्मिक आयोजन उज्जैन से ही निर्धारित किए जाएंगे. इसके अलावा सिंहस्थ की तैयारियों की रूपरेखा भी यहीं से तय होगी. 2028 के सिंहस्थ के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बड़ा फैसला लिया है.