भोपाल। सरकार व प्रशासन की लगातार समझाइश के बाद भी लोग बोरवेल करवाकर इसे खुला छोड़ रहे हैं, नतीजा, बच्चे इसमें दफन हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में लगातार हो रहे हादसे रोकने के लिए अब मोहन यादव सरकार ज्यादा सख्त हो गई है. खुला बोरवेल छोड़ने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए मध्यप्रदेश में नया कानून लागू कर दिया गया है. हालांकि ऐसे हादसे रोकने के लिए एफआईआर जैसी कार्रवाई होती रही हैं लेकिन ये नाकाफी साबित हो रही है.
एफआईआर के साथ जुर्माना भी लगेगा
खुले बोरवेल के हादसे रोकने के लिए अब राज्य सरकार ने तय किया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर के साथ ही जुर्माना भी ठोका जाएगा. नए कानून के अनुसार मध्य प्रदेश में खुले बोरवेल छोड़ने के खिलाफ एफआईआर के साथ ही 25 हजार जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही हादसा होने पर बचाव कार्य मे जो भी राशि खर्च होगी, उसका खर्च भी बोरवेल मालिक से वसूला जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि अब कड़ी सख्ती के बाद हादसे काफी हद तक रुक जाएंगे.
खुले बोरवेल की शिकायत करने वालों को पुरस्कार
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बोरवेल हादसों को लेकर मोहन यादव सरकार ने पहले भी सख्ती की थी. इसके तहत संबंधित गांव के पटवारी पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए गए. ये भी कहा गया कि सभी पटवारी ये सुनिश्चित करेंगे कि किसी गांव में खुले बोरवेल न हों. इसके बाद कुछ मामलों पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई, लेकिन इसके बाद भी हादसे नहीं रुके. इसलिए सरकार ने अब सख्ती बढ़ा दी है. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी बोरवेल में पानी नहीं निकलता है और वह निष्क्रिय है तो इसे 3 माह के अंदर बंद कर दें. खुले बोरवेल की शिकायत करने वालों को सरकार ने सम्मानित करने का फैसला भी लिया है.