सीएम नीतीश कुमार बुधवार की शाम 4 बजे शहीद बीएसएफ सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के गांव जाएंगे. वे छपरा जिले के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव में उनके परिवार वालों से मुलाकात कर 21 लाख का चेक देंगे. इम्तियाज छपरा जिले के नारायणपुर गांव के रहने वाले थे, जो जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में तैनात थे. 10 मई को पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग में दुश्मन की गोलियां लगने से इम्तियाज शहीद हो गए.
इम्तियाज की शहादत के बाद गांव में उदासी
इम्तियाज की शहादत की खबर जैसे ही नारायणपुर गांव पहुंची, गांव में मातम छा गया. शहीद इम्तियाज के बेटे इमरान रजा ने बताया कि उन्हें खबर मिली कि उनके पिता घायल हो गए हैं. उनसे बात करने के बाद मैं पटना चला आया, लेकिन वहां पहुंचकर पता चला कि मेरे पिता शहीद हो गए. बेटे ने कहा कि उसे अपने पिता पर तमाम शहीद जवानों पर गर्व है.
उनका पार्थिव शरीर सोमवार को जब जम्मू से पटना लाया गया तो पटना एयरपोर्ट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रशासनिक अधिकारी और बीएसएफ के कई अधिकारी मौजूद थे. पटना में दिलीप जायसवाल, मंत्री श्रवण कुमार, नितिन नवीन, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया और श्रद्धांजलि दी. हालांकि सीएम नीतीश कुमार और दोनों डिप्टी सीएम इस मौके पर मौजूद नहीं रहे.
इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि देश ने अपना एक जवान खोया है, भगवान पाकिस्तान को कभी माफ नहीं करेगा. मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि छपरा के इस बेटे की शहादत को मैं नमन करता हूं. हम पूरे बिहार के लोग अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं.
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
बता दें कि शनिवार को जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में बीएसएफ जवान मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए थे. बिहार के बेटे सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने सीमा पर आतंकियों को कड़ी टक्कर दी थी. अब सोमवार को नम आंखों से पूरे राजकीय सम्मान के साथ नारायणपुर गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया.