RCB marketing head arrested: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) की टीम PBKS (पंजाब किंग्स) को 6 रनों से हराकर पहली बार खिताबी ट्रॉफी अपने नाम की. 3 जून को RCB टीम चैम्पियन बनी और 4 जून को टीम की जीत लिए विक्ट्री परेड का आयोजन बेंगलुरु में रखा गया. लेकिन इस दौरान 11 फैन्स की मौत हो गई और कई घायल हुए. इस मामले में आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले को शुक्रवार को अरेस्ट किया गया था.
लेकिन अब सोसाले ने कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को अवैध और मनमानी बताया है. सोसाले ने अदालत से अपील की है कि उनकी गिरफ्तारी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और यह एक राजनीतिक दबाव का नतीजा है. वहीं इस पूरे मामले में कर्नाटक क्रिकेट संघ (KSCA) ने किनारा कर लिया है.
CM के मौखिक निर्देश पर हुई गिरफ्तारी, याचिका में दावा
इस पूरे मामले में निखिल सोसाले की याचिका में कहा गया है कि यह गिरफ्तारी कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने करवाई है. याचिका में सोसाले ने कहा- यह साफ है कि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी का समय और तरीका बताता है कि यह गिरफ्तारी माननीय मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देश पर की गई, जिसमें किसी जांच की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, यह गिरफ्तारी दुर्भावनापूर्ण है और हादसे की जिम्मेदारी जबरन RCB और उसके अधिकारियों पर डालने की कोशिश है.
KSCA ने झाड़ा पल्ला, सरकार और आयोजकों को ठहराया दोषी
वहीं, इस मामले में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने खुद को पूरी तरह कार्यक्रम से अलग कर लिया है. संघ ने एक बयान में कहा कि विजेता आरसीबी टीम के सम्मान समारोह का फैसला राज्य सरकार ने लिया था और यह कार्यक्रम विधान सौध में आयोजित किया गया था.
KSCA के मुताबिक न तो उन्होंने इस समारोह की योजना बनाई, न उसका आयोजन किया, और न ही कोई प्रशासनिक भूमिका निभाई. संघ ने सरकार, RCB फ्रेंचाइजी और इवेंट ऑर्गनाइजर्स को इस कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराया.
RCB ने कहा- कानून का पालन करेंगे, भगदड़ मामले में FIR दर्ज
आईपीएल 2025 की चैंपियन बनी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) अब विवादों में है. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले में RCB, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) और DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स (इवेंट मैनेजमेंट कंपनी) के खिलाफ पुलिस ने मामला कबन पार्क थाने में दर्ज किया था. फ्रेंचाइजी सूत्र ने इस पूरे मामले में कहा था- हम इस समय कानूनी मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते, लेकिन सरकार और अदालत की हर प्रक्रिया में पूरा सहयोग देंगे.