रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हेलन केलर अवॉर्ड से सम्मानित कलाकार बसंत साहू से फोन पर बात की और उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी. सीएम ने कहा कि बसंत साहू युवाओं और बच्चों के लिए प्रेरणादायक काम कर रहे हैं. बसंत साहू धमतरी जिले के कुरूद के रहने वाले दिव्यांग समाजसेवी और चित्रकार हैं.
सीएम विष्णुदेव साय ने बसंत साहू से फोन पर की बात: सीएम साय ने बसंत साहू को जन्मदिन और सम्मान के लिए बधाई देते हुए फोन पर कहा “आपको हेलेन केलर अवार्ड 2024 मिलने की सूचना न्यूज के जरिए मिली. आपकी इस उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत बधाई.”
मुख्यमंत्री साय ने फोन पर बात करने के दौरान बसंत साहू से कहा कि जल जगार कार्यक्रम में उनकी मुलाकात उनसे हुई थी. आपसे मिलकर काफी अच्छा लगा था. सीएम ने कहा कि आपने साबित किया है कि कठिनाईयां केवल मानसिक चुनौतियां है. दृढ़ संकल्प से बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है.
बसंत साहू ने कहा कि मेरा उद्देश्य समाज में समावेशिता और समानता लाना है, ताकि हर व्यक्ति को समान अवसर मिल सके. सीएम साय ने दिव्यांग चित्रकार बसंत साहू को उनके जज्बे और उपलब्धि के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी. समाजसेवी बसंत साहू ने सीएम साय को उत्साहवर्धन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि वे अपने प्रयासों से आने वाले भविष्य और बच्चो के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में योगदान देते रहेंगे.
दृढ़ संकल्प और हुनर का प्रतीक- छत्तीसगढ़ का गर्व
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दिव्यांग चित्रकार श्री बसंत साहू को दूरभाष पर जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए हेलेन केलर अवार्ड 2024 प्राप्त करने पर बधाई दी।
उन्होंने कहा, "आपने अपनी कठिनाइयों को शक्ति बनाकर यह सिद्ध किया है… pic.twitter.com/9qsQGlHMCC
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 23, 2024
बसंत साहू को हेलन केलर अवॉर्ड: समाजसेवी बसंत साहू को दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा और समाज में समान अवसर दिलाने के लिए किए गए अद्वितीय कार्यों के लिए हेलन केलर अवॉर्ड दिया गया है. उन्होंने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की लोक कला, परंपराओं और सामाजिक मुद्दों को जीवंत रखा हैय उनके चित्रों में छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, पारंपरिक परिधान और समाज की समकालीन समस्याओं का समावेश है. बसंत के बनाए चित्रों का संग्रह देश विदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर किया गया है, जिनमें भारत में राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय एवं यूएसए, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित कई देश शामिल हैं. उनकी कला ने उन्हें न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देश और विदेश में भी सम्मान दिलाया है.