रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायुपर के न्यू सर्किट हाउस में कलेक्टर्स पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस का आज दूसरा दिन है. कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सीएम विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बैठक चल रही है. बैठक में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है.
कानून व्यवस्था और अपराधों की रोकथाम पर चर्चा:कलेक्टर्स पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन की समीक्षा बैठक में सभी जिलों में कानून और व्यवस्था सहित अपराधों की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा सीएम साय कर रहे हैं. इसके साथ ही भविष्य में पुलिसिंग को और अधिक विश्वसनीय, पारदर्शी व उत्तरदायी बनाने की दिशा में किए जाने वाले सुझावों पर भी चर्चा हो रही है.
विष्णुदेव साय का बिलासपुर रेंज पुलिस को निर्देश:बैठक के दौरान सीएम साय ने माना कि बिलासपुर रेंज में अपराधों में कमी आई है, लेकिन इससे संतोष करना नहीं है, हमारी सरकार सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है. पिछले वर्षों की तुलना में अपराध में कमी आई है. जिला बदर और प्रतिबंधात्मक संबधी कार्रवाई रुकनी नहीं चाहिए. सीएम ने कहा एसपी और कलेक्टर टीम आपसी समन्वय से काम करें. धार्मिक मामलों में लापरवाही न करें और तुरंत कार्रवाई करें. हत्या जैसे मामले में कार्रवाई में देरी नहीं होनी चाहिए, ऐसे केस जल्दी सॉल्व करें. गौ-तस्करी व नशा एक बहुत बड़ी समस्या है, इस पर नियंत्रण पाना है, ऐसे मामलों में एंड टू एंड कार्रवाई करनी है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दुर्ग रेंज पुलिस को निर्देश: सीएम साय ने दुर्ग पुलिस रेंज को और ज्यादा मेहनत करने की जरूरत बताया. सीएम ने कहा हत्या और डकैती के मामले 6 महीने में भी नहीं सुलझ पा रहे हैं, ये सही नहीं है. कई मामलों में आरोपी फरार है, इस पर जल्दी कार्रवाई होनी चाहिए. किसान सम्मान निधि में धोखाधड़ी का मामला सामने आया था. ऐसी गड़बड़ी भविष्य में दोबारा नहीं होनी चाहिए. प्रतिबंधात्मक मामलों में देरी न हो और जिला बदर की कार्रवाई केवल कागजों पर ना हो बल्कि वास्तव में हो. नए कानून की जानकारी को बेहतर तरीके से स्वीकार करें और जरूरत के अनुसार ट्रेनिंग कर खुद को अपडेट करते रहे.
कलेक्टर्स को सीएम साय की चेतावनी: कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सीएम साय ने सभी जिलों के कलेक्टर को दो दूक शब्दों में अधिकारियों को भाषा पर लगाम लगाने को कहा. सीएम ने बीते कुछ दिनों में आम जनता और स्कूली छात्रों से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर सख्त नाराजगी जाहिर की. उन्होंने अधिकारियों को अपनी भाषा पर संयम रखने के साफ निर्देश दिए. साय ने कहा कि जिस तरीके से आम जनता और छात्रों के बीच भाषा का संयम होना चाहिए, उस पर ध्यान नहीं रखा जा रहा है.