Vayam Bharat

मोहित पांडेय के परिवार से मिले CM योगी आदित्यनाथ, दोषी पुलिस अफसरों पर एक्शन लेने का दिया भरोसा

यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस कस्टडी में कारोबारी मोहित पांडेय (30 साल) की मौत का मामला गरमाया हुआ है. सोमवार को मोहित के परिवार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. सीएम योगी ने परिवार से घटना के बारे में जानकारी ली और ढांढस बंधाया. मुख्यमंत्री ने इस मामले में दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई किए जाने भरोसा भी दिया है. मुख्यमंत्री ने परिवार को 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद दी है.

Advertisement

लखनऊ की बख्शी तालाब सीट से बीजेपी विधायक योगेश शुक्ला के साथ सुबह करीब 10 बजे मोहित पांडेय का परिवार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पहुंचा. यहां सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी. बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. किसी भी दोषी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा. सीएम योगी का कहना था कि ये पूरा मामला मेरे संज्ञान में है. जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस इंस्पेक्टर समेत अन्य पर एफआईआर

बताते चलें कि मामला लखनऊ के चिनहट थाने का है. यहां मोहित पांडेय नाम के युवक की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. मामले में हत्या और आपराधिक साजिश के आरोप में चिनहट थाना प्रभारी और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. परिजन का आरोप है कि पुलिस ने मोहित को पीट-पीटकर मार दिया है.

आधिकारिक बयान में कहा गया कि चिनहट पुलिस स्टेशन के SHO/ इंस्पेक्टर अश्विनी चतुर्वेदी को आरोपों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

घटना पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

इस घटना पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस कस्टडी शब्द को टॉर्चर हाउस में बदल दिया जाना चाहिए. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राज्य में ऐसा जंगल राज स्थापित कर दिया है जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन गई है. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इस घटना को निंदनीय बताया और कहा कि सरकार को पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए.

क्या है पूरा मामला

चिनहट क्षेत्र के जैनाबाद निवासी मोहित कुमार को शनिवार को एक मामले में हिरासत में लिया गया था. पुलिस ने कहा कि हिरासत के दौरान एक अस्पताल में मोहित की मौत हो गई. परिवार के सदस्यों ने पुलिस की बर्बरता को मौत का कारण बताया. पीड़ित की मां ने शिकायत दर्ज कराई. अतिरिक्त आयुक्त ने एसएचओ चतुर्वेदी और कुछ अज्ञात व्यक्तियों समेत अन्य के खिलाफ बीएनएस की धारा 103 (1) (हत्या के लिए सजा) और 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है.

कारोबारी मोहित के मामले में पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण भले ही स्पष्ट नहीं है, लेकिन उसके शरीर पर 4 चोटें बताई गई हैं. मोहित के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर के पास, हाथ, कमर पर चार चोटों का भी जिक्र किया गया है. पुलिस का कहना है कि कारोबारी मोहित की साथी आदेश से मारपीट हुई थी. चोट के निशान उसी के हैं.

दरअसल, बच्चों के झगडे में विवाद के बाद पुलिस ने मोहित और उनके भाई को हिरासत में लिया था और हिरासत में ही मोहित की जान चली गई. घरवालों के आरोपों के मुताबिक हिरासत में मोहित की बेरहमी से पिटाई की गई. केस की जांच गोमती नगर थाने को सौंप दी गई है. उधर लखनऊ पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है. साथ ही विसरा सुरक्षित रखा गया है.

Advertisements