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भ्रष्टाचार पर चला CM योगी का डंडा… बलिया, सीतापुर से लेकर वाराणसी तक कार्रवाई, एसपी-दारोगा सहित इन पर गिरी गाज

भ्रष्टाचार के प्रति योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत बलिया, सीतापुर, बाराबंकी, वाराणसी समेत यूपी के कई जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. बीते दिन जहां बलिया में ट्रकों से वसूली रैकेट चलाने के आरोप में SP, ASP, CO और दारोगा सहित पूरी पुलिस चौकी नप गई, वहीं सीतापुर में SP ने भ्रष्टाचार के मामले में तगड़ी कार्रवाई करते हुए कमलापुर थाने के SHO समेत दो दर्जन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया.

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इसके अलावा वाराणसी में लूट कांड में पकड़े गए चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. चौकी इंचार्ज के साथ उसके दो साथी भी पकड़े गए हैं. उधर, बाराबंकी DM के आदेश पर सदर तहसील के SDM/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने ASP अखिलेश सिंह और पुलिस बल के साथ जिला अस्पताल, रजिस्ट्री ऑफिस और एआरटीओ दफ्तर में छापेमारी की. अचानक हुई छापेमारी से दलालों में हड़कंप मच गया. छापेमारी के दौरान 15 दलाल गिरफ्तार हुए हैं.

गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार पुलिस और भ्रष्टाचारियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है. इस क्रम में बलिया, सीतापुर और वाराणसी में करप्ट पुलिसवालों पर एक्शन लिया गया. साथ ही संत कबीर नगर, फहतेपुर और महराजगंज के सरकारी दफ्तरों में छापेमारी की गई.

बता दें कि बलिया में बिहार-यूपी बॉर्डर पर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में सीएम योगी ने सख्त एक्शन लिया है. दो पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद जिले के SP और ASP पर भी इसकी गाज गिरी है. उन्हें पद से हटा दिया है. इतना ही नहीं उस इलाके के सीओ को भी सस्पेंड कर दिया है.

दरअसल, लगातार पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत मिलने के बाद भरौली चेक पोस्ट पर ADG और DIG ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी. इस दौरान ट्रकों से अवैध रूप से वसूली करते दो पुलिसकर्मियों को मौके से ही गिरफ्तार किया गया था. उनके साथ वसूली में लिप्त में 18 दलालों को भी पकड़ा गया था. पूरी पुलिस चौकी सस्पेंड हो गई है. पुलिस अफसरों की संपत्ति की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.

उधर, वाराणसी में हुई लाखों रुपये की लूट के मामले में सब-इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पांडेय संलिप्त पाया गया. वह वाराणसी के कैंट थाना अंतर्गत नदेसर चौकी में बतौर इंचार्ज तैनात था. उसने अपने साथियों संग 22 जून 2024 को रामनगर क्षेत्र के भीटी के पास एक बस को रोककर खुद को क्राइम ब्रांच का बताते हुए पिस्टल दिखाकर व्यापारी के वर्कर्स से 42 लाख रुपये लूट लिए थे.

अब पुलिस ने लूट की इस घटना में शामिल विकास मिश्रा, अजय गुप्ता और सब इंस्पेक्टर सूर्यप्रकाश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया है. कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है. इस एक्शन से महकमे में हड़कंप मच गया.

संत कबीर नगर में जिला प्रशासन ने सरकारी विभागों में सक्रिय दलालों के खिलाफ एक्शन लिया है. प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने सरकारी कार्यालयों में छापेमारी कर संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की और 20 दलालों को गिरफ्त में लिया. ADM जयप्रकाश व ASP शशि शेखर सिंह और सीओ सदर अजित चौहान के नेतृत्व में विभागों में अचानक हुई इस छापेमारी से हड़कंप मच गया.

इसी तरह फतेहपुर जिले के ARTO ऑफिस में DM द्वारा अचानक छापेमारी की गई, जिससे पूरे विभाग में हड़कंप मच गया. काफी समय से ऑफिस में दलालों और बाहरी व्यक्तियों के काम करने की शिकायतें मिल रही थीं. छापे के दौरान एआरटीओ ऑफिस के बाहर बैठे दलाल अपनी दुकानें बंद करके फरार हो गए.

DM ने ARTO और RTO को लगातार मिल रही शिकायतों पर कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने दफ्तर में फैले भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दूर करने के सख्त आदेश दिए. इस छापेमारी के दौरान लगभग दो दर्जन से अधिक मोटरसाइकिलें और एक दर्जन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया. वहीं, पुलिस ने ARTO ऑफिस के बाहर से उठाई गई दो दर्जन से अधिक गाड़ियों में से 14 गाड़ियों का कागज न मिलने पर सीज की कार्रवाई की.

सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त आदेश का असर बाराबंकी में भी दिखा. शुक्रवार को DM के आदेश पर सदर तहसील के SDM/ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने ASP अखिलेश सिंह और पुलिस बल के साथ जिला अस्पताल, रजिस्ट्री ऑपिस और ARTO दफ्तर के बाहर छापेमारी की. अचानक हुई छापेमारी से दलालों में हड़कंप मच गया.

जानकारी के मुताबिक, ARTO ऑफिस से 13 लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. जिला अस्पताल में मरीजों को निजी अस्पतालों में भेजने का प्रयास कर रहे दो दलालों को भी गिरफ्तार किया गया. वहीं, अचानक हुई छापेमारी के बाद दलाल अपनी-अपनी दुकानें बंद कर भागने लगे.

वहीं, सीतापुर SP ने भ्रष्टाचार के मामले में तगड़ी कार्रवाई करते हुए कमलापुर थाने के SHO समेत दो दर्जन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया. इस कार्रवाई से पुलिस महकमे के लोग सकते में आ गए. अधिकारियों से लेकर आम लोगों तक में इसकी चर्चा है.

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